- फर्जी निकला क्रिप्टो कंपनी सेंजी पावर का आफिस ऐड्रेस
- सेंजी पावर के खिलाफ युवाओं व किसानों का प्रदर्शन ठगी के आरोप
- डिग्री खरीदने वाले CMD आशीष पर थाना विभूति खंड समेत कई जनपदों में ठगी व जलसा जी के मुकदमे आए सामने
- ठगी व गबन के इरादे से आशीष सिंह सिसोदिया ने अपने ड्राइवर तिलक वर्मा को बनाया था कंपनी में डायरेक्टर
- क्रिप्टो के नाम पर ठगी के पैसे से पंजाब व लखनऊ में बनाई कई बेनामी संम्पत्तिय
- आलोक प्रधान, रविंद्र पासवान, अमन झा, राजू खान, अंजलि, रेनू वर्मा व संजय चतुर्वेदी को गिरफ्तारी की मांग
- क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल आतंकवाद ड्रग तस्करी में संभव
- मत्स्य पालन के नाम पर रिटायर्ड सीएमओ को करोड़ों का चूना लगा चुका है ठग आशीष सिंह सिसोदिया जेल से आते ही ठगी के लिए क्रिप्टोकरेंसी को बनाया हथियार
लखनऊ। सेंजी पावर टेक्नोलॉजी का लखनऊ स्थित मूल पता फर्जी निकला इसके अलावा कंपनी के दूसरे डायरेक्टर तिलक सिंह नामक शख्स आशीष सिसोदिया का ड्राइवर निकला। ड्राइवर के पते पर जानकारी लेने पर घर का पता भी फर्जी निकला। अपने आप को भारत सरकार द्वारा पहला क्रिप्टो लाइसेंस धारक कंपनी बताने वाली सेंजी पावर टेक्नोलॉजी के बारे में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। कंपनी के मैनेजर अंजलि व रेनू वर्मा व फाउंडर डायरेक्टर अमन झा, संजय चतुर्वेदी, रविंद्र पासवान के साथ-साथ प्रयागराज गाजियाबाद अहमदाबाद महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ झारखंड व असम के एजेंट को अब लखनऊ पुलिस जांच के लिए बुलाएगी।
बीते कुछ समय पहले सैकड़ों युवाओ, बेरोजगारों तथा किसानों ने पुलिस से मिलकर सेंजी पावर पर ठगी के आरोप लगाए। आरोपों के मुताबिक कंपनी एमसीए व एमएसएमई को क्रिप्टो लाइसेंस बात कर भारत सरकार को बदनाम कर रही है। इतना ही नहीं कंपनी व डायरेक्टर के मूल पाते पूरी तरह फर्जी है कंपनी का लक्ष्य पहले से ही ठगी करने का था। कंपनी में एमएलएम स्कीम के नियमों का खुला उल्लंघन कर रही है।
कंपनी के सीएमडी तथा कई जनपदों में ठगी व जलसाजी के आरोपी आशीष सिसोदिया जैकी की भी हवा खा चुके हैं। दो प्राइवेट यूनिवर्सिटी से डायरेक्टेड की डिग्री खरीद चुके आशीष सिसोदिया पर इस बार गंभीर आरोप लगे हैं। क्राउन यूनिवर्सिटी से पूछे जाने पर डॉक्टर संदीप ने बताया कि नेटवर्क मार्केटिंग के लिए अवार्ड दिया गया है। क्रिप्टो व्यापार व गैर कानूनी कार्यों में संलिप्त पर शिकायत मिलने पर हम कार्रवाई करेंगे। ऐसी ही एक संस्था से सांठ गाठ करने पर भाजपा नेत्री अपर्णा यादव ने भी कोई पुरस्कार देने पर अनभिज्ञता जताई।
किसानों व बेरोजगारों को करोड़पति बनने का सपना दिखाकर पिरामिड स्कीम व एमएलएम के नियमों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। एमएलएम गाइडलाइन 2016 व 2021 के मुताबिक सेंजी पावर पूरी तरीके से गैरकानूनी है। कंपनी का कोई ऑफिस ऐड्रेस लखनऊ में नहीं है। कंपनी पूरी तरीके से टेलीग्राम एप पर मीटिंग के भरोसे चलती है। टेलीग्राम पर कई सारे बेरोजगार करोड़ों कमाने के सपने लेकर जुड़े हुए हैं। अब पुलिस टेलीग्राम पर ऐसे किसी ऐप पर पूरी निगरानी रखने की बात कर रही है।
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