कोच्चि। भारत में इजरायली दूतावास सोशल मीडिया पर केरल की दो बहनों के प्रयासों की तारीफ़ करते नहीं तक रहा है। सोशल मीडिया पर शेयर वीडियो के मुताबिक इन दोनों बहनों ने हमास के हमले के दौरान दरवाजे के हैंडल को पकड़कर और आतंकवादियों को उन तक पहुंचने से रोककर इजरायली नागरिकों की जान बचाई, जिनकी वे देखभाल कर रही थीं।
वायरल वीडियो के अनुसार केरल की महिला सबिता इजराइल में एक बुजुर्ग की देखभाल करती हैं। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने और मीरा मोहनन ने दरवाजे का हैंडल जोर से पकड़ रखा था और हमास आतंकवादियों को अंदर घुसने नहीं दिया जिससे उनकी और घर में रह रहे इजरायली बजुर्ग की जान बच गई। सबिता ने बताया कि वे साढ़े चार घंटे तक ऐसे ही आंतकियों को बाहर ही रोके रहीं। इस दौरान आतंकवादियों ने दरवाजों पर कई वार किए, गोलियां भी चलाईं ताकि दरवाजा टूट जाये, लेकिन वे इसमें सफल नहीं हो सके। लगभग साढ़े चार घंटे बाद इजराइल आर्मी ने आकर इजराइलियों, सबिता और मीरा को बाहर निकाला।
भारतीय वीरांगनाएं ! ????????????????
मूलतः केरला की रहने वाली सबिता जी, जो अभी इजराइल में सेवारत हैं, बता रही हैं कि कैसे इन्होने और मीरा मोहन जी ने मिलकर इसरायली नागरिकों कि जान बचाई। हमास आतंकवादी हमले के दौरान इन वीरांगनाओं ने सेफ हाउस के दरवाजे को खुलने ही नहीं दिया क्योंकि आतंकवादी… pic.twitter.com/3vu9ba4q0d
— Israel in India (@IsraelinIndia) October 17, 2023
इजराइल में करती थी बुजुर्ग महिला की देखभाल
वीडियो में आप देख सकते हैं कि सबिता कह रही हैं कि वह निर ओज नाम के एक सीमावर्ती किब्बुट्ज में 3 साल से काम कर रही हैं। यहां पर मीरा मोहनन के साथ एक बुजुर्ग महिला राहेल की देखभाल कर रही है, जिसे एएलएस नाम की बीमारी है। सबिता ने वीडियो में उस रात की घटना का जिक्र करते हुए बताया, ‘मैं रात की ड्यूटी पर थी और ड्यूटी खत्म करके जाने ही वाली थी कि तभी लगभग 6.30 बजे सायरन की आवाज आई।
लगातार बज रही थी सायरन की आवाज
हम सब सुरक्षा कक्ष की तरफ भागे। सायरन की आवाज लगातार बज रही थी। जल्द ही हमें राहेल की बेटी का फोन आया कि चीजें हमारे हाथ से निकल गई हैं। उसने हमें दरवाजे को लॉक करके अंदर ही रहने के लिए कहा। सबिता बताती हैं कि कुछ ही मिनटों में, गोली चलने और शीशे तोड़ने की आवाजें आने लगी। दरअसल, आतंकवादी हमारे घर में घुसने की कोशिश कर रहे थे।’ सबिता ने बताया कि उन्होंने फिर से राहेल की बेटी को फोन किया और पूछा कि क्या करना है तो उन्होंने हमें दरवाजे को पकड़ने के लिए कहा।
चार घंटे तक पकड़े रखा दरवाजे का हैंडल
सबिता ने कहा, इसके बाद उन दोनों ने अपने चप्पल उतार दिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके पैर फर्श पर फिसले नहींI सबिता ने कहा, ‘आतंकवादी सुबह करीब 7.30 बजे घर के बाहर थे, वे दरवाजा खोलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन हमने दरवाजे को पकड़ने की पूरी कोशिश की। उन्होंने दरवाजे पर हमला किया और फिर उस पर गोली चला दी। उन्होंने सब कुछ नष्ट कर दिया। सबिता ने बताया कि उन्हें पता नहीं था कि बाहर क्या हो रहा था। साढ़े चार घंटे बीत चुके थे और करीब 1 बजे, उन्हें फिर से गोलियों की आवाज सुनाई दी। दरअसल, इस बार इजरायली सेना उन्हें बचाने के लिए आई थी।
पासपोर्ट भी ले गये आतंकी
सबिता ने बताया ‘हमारे पास अब कुछ भी नहीं बचा है। उन्होंने मीरा के पासपोर्ट सहित हमें पूरी तरह से लूट लिया। उन्होंने बताया कि मैंने इमरजेंसी के लिए अपने दस्तावेजों को एक बैग में रखा था क्योंकि हम सीमा पर रहते हैं लेकिन आतंकी उसे भी लेकर चले गए।’
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