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दो महिलाओं ने रची खतरनाक साजिश: परिवार के ही 16 लोगों की हत्या का बनाया प्लान लेकिन…

Maharashtra

नागपुर। महाराष्ट्र में इन दिनों एक क्राइम केस की खूब चर्चा हो रही है। यहां गढ़चिरौली जिले के अहेरी तालुका में दो महिलाओं ने मात्र 20 दिनों में अपने परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी। ये हत्याएं इतनी चालाकी से की गई कि किसी को शक भी नहीं हुआ। हालांकि अब ये दोनों महिलाएं पुलिस की गिरफ्त में हैं। बताया जा रहा है कि इन दोनों महिलाओं ने परिवार के लोगों के खाने में हेवी मेटल मिलाकर दिया, जिससे ये मौतें हुईं। महिलाओं ने तेलंगाना से एक भारी धातु आधारित रसायन प्राप्त किया और इसे चुपचाप अपने परिवार के सदस्यों के भोजन और पानी में मिलका देती रही। अभियुक्तों में से एक ने कथित तौर पर अपने पति और ससुराल वालों के लगातार तानों से परेशान होकर ये कदम उठाया। वहीं दूसरी को उनकी पैतृक संपत्ति के विभाजन पर परेशानी थी। ऐसे में दोनों महिलाओं ने परिवार के ही उन 16 लोगों को मारने का प्लान बनाया जिनसे उन्हें परेशानी थी।

20 दिन में हुई पांच लोगों की मौत

घटना को 26 सितंबर से 15 अक्टूबर के बीच अंजाम दिया गया। एक के बाद एक परिवार में 5 लोगों की मौत ने सबको हैरत में डाल दिया। हालांकि ये मौतें पूरी तरह से प्राकृतिक लग रही थीं। मारे गए लोगों के शरीर पर झुनझुनी, पीठ के निचले हिस्से और सिर में तेज दर्द, काले होंठ और भारी जीभ और इलाज के दौरान मौत। घटना की शुरुआत तब हुई जब 20 सितंबर को महागांव गांव के शंकर कुंभारे और उनकी पत्नी विजया कुंभारे बीमार पड़ गए और उनकी हालत तेजी से बिगड़ने लगी तो दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां 26 सितंबर और 27 सितंबर को उनकी मौत हो गई। शंकर और विजया के निधन के बाद ही शंकर के बेटे रोशन और बेटियों कोमल दहागौकर और आनंद (वर्षा उरादे) में भी इसी तरह के लक्षण नजर आने लगे तो उन्हें भी अलग-अलग अस्पतालों में एडमिट कराया गया लेकिन उनकी भी हालत में सुधार नहीं हुआ और तीनों ने 8 अक्टूबर से 15 अक्टूबर के बीच दम तोड़ दिया।

खाने में मिलकर दिया धीमा जहर

परिवार की परेशानियां तब और ज्यादा बढ़ गईं जब शंकर का दूसरा बेटा सागर, जो अपने माता-पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए दिल्ली से आया था, वह भी अचानक से बीमार हो गया। वहीं शंकर और विजया को चंद्रपुर ले जाने वाले परिवार के चालक भी बीमार हो गए जब उन्हें चिकित्सा सहायता की जरूरत पड़ी थी। परिवार की सहायता के लिए चंद्रपुर और नागपुर गए एक रिश्तेदार में भी इसी तरह के लक्षण दिखाई दिए तो उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। इतना कुछ होने के बाद डॉक्टरों को संदेश हुआ कि उन सबको जहर दिया गया है लेकिन प्रारंभिक जांच इसकी पुष्टि नहीं कर सकी। इसी बीच रोशन की पत्नी संघमित्रा और शंकर के बहनोई की पत्नी रोजा रामटेके ने बताया ने बताया कि मौतें खाद्य विषाक्तता के कारण हुई थीं। रहस्यमय मौतों और अस्पष्टीकृत बीमारियों के बारे में चिंतित, पुलिस ने जांच के लिए पांच टीमों का गठन किया और पूछताछ शुरू की।

परिवार के तानों से परेशान थी संघमित्रा

इस दौरान पुलिस को पता चला कि संघमित्रा ने अपने माता-पिता की इच्छा के खिलाफ रोशन से शादी की थी जिसे लेकर अक्सर उसे अपने पति और ससुराल वालों से ताना सुनने को मिलता था। वहीं रोजा रामटेक का पीड़ितों के साथ उनकी पैतृक संपत्ति के विभाजन को लेकर विवाद चल रहा था। इसके बाद पुलिस ने अपनी जांच इन दो महिलाओं पर केंद्रित की और हत्याओं का खुलासा हुआ। पुलिस जांच में पता चला कि रोजा ने अपने पति प्रमोद की चार बहनों, उनके पति और बच्चों के साथ 4 एकड़ जमीन के लिए दुश्मनी पैदा कर ली थी, क्योंकि बराबर समान हिस्से की मांग कर रही थीं।

संपत्ति बंटवारे से नाखुश थी रोजा

संघमित्रा से पूछताछ में पुलिस को पता चला कि वह अपने पति रोशन के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ी हुई थी, भले ही उसने उसे मारा पीटा था, जिसकी वजह से अगस्त में उसने आत्महत्या करने की भी कोशिश की थी। रोशन को जहर देने को लेकर संघमित्रा के मन में दुविधा थी, लेकिन रोजा ने उसे मजबूर कर दिया। पूछताछ में ये भी पता चला कि संघमित्रा और रोजा ने उन लोगों को खत्म करने की साजिश रची जिन्हें वे विरोधी मनाती थी। रोजा हेवी मेटल वाला जहर लेने के लिए तेलंगाना गई। वहां से आने के बाद दोनों ने परिवार के लोगों के खाने और पानी में उसे मिलाना शुरू कर दिया था जिससे ये मौतें हुई।

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