नई दिल्ली। त्योहारों का सीजन शुरू होते ही दिल्ली-एनसीआर की हवा दुनिया भर में सबसे ज्यादा जहरीली क्यों हो जाती है। सोमवार को दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी बेहद खराब स्तर की रही। दिल्ली का 24 घंटे का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सोमवार सुबह 346 पर पहुंच गया, जो आईक्यू एयर द्वारा ट्रैक किए गए 110 वैश्विक शहरों में सबसे अधिक है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट पर गौर करें तो भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई में AQI 177 रिकॉर्ड किया गया। आपको बता दें कि जहरीली हवा के लिए पराली जलाने, वाहनों का प्रदूषण, निर्माण और कोयला आधारित पॉवर प्लांट को जिम्मेदार माना जाता है।
द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट में वायु गुणवत्ता रिसर्च फैलो अंजू गोयल ने ब्लूमबर्ग को बताया कि खराब AQI तापमान में गिरावट और धीमी हवा की गति की वजह से होता है। हवा की धीमी गति से प्रदूषण के फैलाव को प्रभावित होता है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के क्षेत्रों में भी ‘बहुत खराब’ एयर क्वालिटी दर्ज की गई, जिसमें फरीदाबाद में 346, गुरुग्राम में 268 और नोएडा में 312 AQI दर्ज किया गया है। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना है कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) का दूसरा फेज दिल्ली में लागू किया गया है और जीआरएपी फेज 2 को लागू करने को लेकर चर्चा के लिए सभी संबंधित विभागों के साथ एक बैठक आहूत की गई है।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार जीआरएपी को चरणबद्ध तरीके से लागू करती है, जिसमें निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध, शैक्षणिक संस्थानों को बंद करना जैसे कदम उठाये जाते हैं। आईक्यू एयर डेटा के अनुसार, दिल्ली में प्रति घन मीटर हवा में 296 माइक्रोग्राम पार्टिकुलेट मैटर (पीएम 2.5) दर्ज किया गया, जो कि WHO के अनुशंसित स्तर 15 से लगभग 20 गुना है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, राजधानी में वायु गुणवत्ता शाम 4 बजे सूचकांक 313 ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई।
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