हरदोई। जनपद में एक ऐसा मामला सामने आया जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया। दरअसल, यहां समधी-समधन के बीच ऐसा रिश्ता बन गया कि दोनों घर छोड़कर फरार हो गए। करीब एक माह तक साथ रहे और फिर आत्महत्या कर ली। शनिवार रात दोनों ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी।
जानकारी के मुताबिक रविवार सुबह जहानीखेड़ा के निकट रेलवे ट्रैक पर दोनों के शव पड़े मिले। उनके पास में मिले आधार कार्ड से पुलिस को इनके परिजनों का पता चला तो उसने उन्हें जानकारी दी। लखीमपुर के पसिगवां के ग्राम सुहौना के रामनिवास चौपहिया निजी बस का चालक था। रामनिवास की पत्नी की मृत्यु करीब 15 वर्ष पहले ही चुकी थी। उसने अपनी इकलौती बेटी की शादी कुछ माह पहले मैगलगंज के ग्राम मुबारकरपुर में शिवम से की थी। शिवम के पिता आशाराम राजमिस्त्री हैं और वे ज्यादातर घर से बाहर रहते हैं। वहीं उसकी पत्नी परिवार के साथ घर पर रहती थीं।
बेटी की शादी के बाद रामनिवास अक्सर अपनी बेटी की ससुराल आने जाने लगा। इसी दौरान रामनिवास के समधन आशारानी से संबंध बन गए। दोनों ने साथ रहने के लिए 23 सितंबर को घर छोड़ दिया कर कहीं भाग गए। आशाराम ने थाने पर गुमशुदगी दर्ज कराई थी, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। रविवार की सुबह जहानीखेड़ा के निकट रेलवे ट्रैक पर दोनों के शव पड़े मिले। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस को दोनों के पास मिले आधार कार्ड से पहचान कर स्वजन को जानकारी दी।
स्वजन ने मुताबिक रामनिवास की जेब में रोडवेज बस के दिल्ली से जहानीखेड़ा तक के दो टिकट मिले हैं। घर से भागने के बाद दोनों दिल्ली गए थे। आशारानी घर से जेवर उठा ले गई थी। जेवर बेचकर दिल्ली में जैसे-तैसे दिन गुजरे, पास में कुछ न रहने पर घर आने पर मजबूर हुए थे। रिश्ते को कलंकित करने के बाद कहीं के नहीं रहे तो मौत का रास्ता चुन लिया।
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