चमोली। उत्तराखंड में स्थित चार धामों में से बद्रीनाथ धाम यात्रा अब जल्द ही समाप्त होने वाली है। गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के बाद अब बद्रीनाथ धाम के कपाट भी बंद होने की तारीख का ऐलान कर दिया गया है। मंगलवार को विजय दशमी के अवसर पर बद्रीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित धार्मिक समारोह में रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी को साक्षी मानकर कपाट बंद करने की तिथि घोषित की।
चौंतीस लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने किया दर्शन
बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद करने की तारीख का ऐलान करने से पहले धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने पंचांग गणना की। वहीं वेदपाठी रविन्द्र भट्ट सहित वेदाचार्यों ने स्वास्तिवाचन किया। इसके बाद बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि 18 नवंबर को शाम 3.33 बजे बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। हालांकि कपाट बंद होने तक तीर्थयात्रा चलती रहेगी। मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने कहा कि इस बार बद्री-केदार यात्रा में रिकॉर्ड चौंतीस लाख से अधिक तीर्थयात्री पहुंचे।
3.33 बजे बंद होंगे कपाट
बता दें कि बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद 19 नवंबर को सुबह उद्वव और कुबेर योगध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर और आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी नृसिंह मंदिर स्थित गद्दीस्थल पहुंचेगी। कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत पहले पंच-पूजन शुरू होगा। सबसे पहले 14 नवंबर को गणेश जी के कपाट बंद होंगे, 15 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर कपाट बंद होंग। 16 नवंब को खडग पुस्तक पूजन के बाद वेद ऋचाओं का पाठ बंद होगा, 17 नवंबर को लक्ष्मी जी को कढ़ाई भोग औैर पांचवे दिन 18 नवंबर को रावल जी स्त्री भेष धारण कर लक्ष्मी माता को भगवान बद्रीनाथ जी के सानिध्य में रखेंगे।
इसके बाद शाम 3 बजकर 33 मिनट पर भगवान बद्रीविशाल के कपाट बंद किए जाएंगे। उधर, बद्रीनाथ के कपाट बंद होने से पहले केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट भाई दूज के अवसर पर यानी 15 नवंबर को दोपहर में बंद हो जायेंगे जबकि गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के अवसर पर 14 नवंबर को बंद हो जाएंगे।
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