नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोप के बाद से उनकी मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के लगाए गए आरोपों के बाद से ही राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। वहीं महुआ और निशिकांत के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। फर्जी डिग्री वाले बयान पर निशिकांत ने महुआ को एक बार फिर से आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि अब अहम सवाल उनकी डिग्री या अदाणी समूह का नहीं है, बल्कि यह है कि क्या मोइत्रा ने पैसे के लिए संसद में सवाल पूछे थे या नहीं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि चंद पैसे के लिए महुआ ने अपना जमीर बेच दिया।
बता दें कि वैष्णव द्वारा निशिकांत दुबे को लिखे गए पत्र पर महुआ मोइत्रा ने प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने एक्स पर लिखा था कि ‘कौन झूठ बोल रहा है? दो दिन पहले फर्जी डिग्री वाले ने कहा कि एनआईसी ने पहले ही जांच एजेंसी को ‘दुबई’ लॉगिन सहित विवरण दे दिया है। वहीं अब अश्विनी वैष्णव कहते हैं यदि लोकसभा या एथिक्स कमेटी द्वारा पूछा गया तो एनआईसी भविष्य में जानकारी देगा। महुआ ने केंद्रीय मंत्री के पत्र को ‘हास्यपद’ बताते हुए एक्स पर लिखा था कि वह इंतजार कर रही हैं कि फर्जी निशिकांत दुबे के कथित तौर पर एयरपोर्ट के ATC रूम में अवैध रूप से घुसने के मामले में कब जांच होगी।
इस पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ पर कई सवाल दाग दिए। निशिकांत ने एक्स पर लिखा, ‘सवाल संसद की गरिमा, राष्ट्रीय सुरक्षा और सांसद के औचित्य, भ्रष्टाचार और अपराध के बारे में है। उन्हें जवाब देना होगा कि क्या एनआईसी के मेल दुबई में एक्सेस किए गए थे? क्या पैसे के बदले सवाल पूछे गए थे? विदेश यात्राओं के लिए खर्च किसने उठाए?
उल्लेखनीय है कि यह पूरा विवाद तब खड़ा हुआ, जब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने स्पीकर को पत्र लिखकर टीएमसी सांसद के खिलाफ ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में सबूत देने का आरोप लगाया। बीजेपी सांसद ने दावा किया था कि ये सबूत वकील जय अनंत देहाद्राई द्वारा प्रदान किए गए थे। अब इस मामले में संसद की आचार समिति ने दुबे और अधिवक्ता देहाद्राई दोनों को 26 अक्टूबर को आरोपों के मौखिक साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए बुलाया है।
इसे भी पढ़ें-यूपी में बसों का संचालन करेंगी महिलाएं, योगी ने दिखाई हरी झंड़ी
इसे भी पढ़ें-अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ की जाएगी सख्त कार्रवाई: सीएम योगी