नई दिल्ली। कतर की राजधानी दोहा में भारतीय नौसेना के पूर्व 8 जवानों को कोर्ट ने गुरुवार (26 अक्टूबर) को मौत की सजा सुनाई गई है। इस सजा को सुनकर भारतीय विदेश मंत्रालय हैरान रह गया। मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि मौत की सजा के फैसले से हम हैरान हैं और विस्तृत फैसले की कॉपी का हम इंतजार कर रहे हैं। बयान में कहा गया है कि हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं, और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं। मंत्रालय ने कहा, हम इस मामले को बहुत महत्व देते हैं और इस पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है। साथ ही हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता भी देना जारी रखेंगे। हम इस फैसले को कतर के अधिकारियों के समक्ष भी उठाएंगे।
उल्लेखनीय है कि भारतीय नौसेना के सभी आठ पूर्व कर्मियों को 30 अगस्त 2022 को रात में हिरासत में लिया गया था। उस वक्त उन्हें एकांत कारावास में रखा गया था। हिरासत में लिए गए लोगों में कमांडर (सेवानिवृत्त) पूर्णेंदु तिवारी भी शामिल हैं, जो एक भारतीय प्रवासी हैं। उन्हें साल 2019 में प्रवासी भारती सम्मान पुरस्कार सम्मान से सम्मानित किया गया था। कंपनी की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार पूर्णंदू तिवारी भारतीय नौसेना में कई बड़े जहाजों की कमान संभाल चुके हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार सेवानिवृत होने के बाद ये सभी नौसैनिक कतर की एक निजी कंपनी में काम कर रहे थे। यह कंपनी कतरी एमिरी नौसेना को ट्रेनिंग और अन्य सेवाएं प्रदान करती है।
ये है आरोप
मीडिया रिपोर्ट ने मुताबिक कतर ने नौसना के इन पूर्व जवानों पर आरोप लगाया है कि वो सबमरीन प्रोग्राम को लेकर वहां पर जासूसी कर रहे थे। वहीं भारत इनको काउंसलर एक्सेस के जरिए रिहा कराने की कोशिश में जुटा हुआ है।
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