गाजीपुर। कपिल देव सिंह हत्याकांड और मीर हसन की हत्या के प्रयास के मामले में मुख्तार अंसारी पर लगे गैंगस्टर के मुकदमे में शुक्रवार को सजा सुना दी गई। इससे एक दिन पहले गुरुवार को कोर्ट ने मुख्तार अंसारी और सह-अभियुक्त सोनू यादव को दोषी करार देने के साथ सजा सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने कहा कि अगर कोई गैंग का संचालन करता है और कोर्ट में अभियोजन पक्ष के गवाह पक्षद्रोही हो जाते हैं तो इससे यह नहीं माना जाएगा कि मुख्तार ने कोई अपराध नहीं किया है।
गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार को 10 साल जेल की सजा दी है। साथ ही पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। वहीं सह अभियुक्त सोनू यादव को 5 साल की सजा सुनाई गई है और दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। बता दें कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ गैंगस्टर में जो दोनों मुकदमे लगाए गए हैं, दोनों में गवाह के पक्षद्रोही होने के कारण वह पहले बरी हो गया था। कोर्ट ने कहा, मीर हसन की हत्या के प्रयास के मामले में गवाह ने कई बार बयान बदले थे।
इससे यह लगता है कि वह भय की वजह से मुख्तार अंसारी और सोनू यादव के खिलाफ बयान नहीं दे सका। ऐसे में हाई कोर्ट की तरफ से दी गई व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए मुख्तार और सोनू यादव को दोषी करार दिया गया है। मालूम हो कि बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुआ। वहीं सोनू यादव व्यक्तिगत रूप से पेश हुआ था। दोषी करार दिए जाने के बाद मुख्तार अंसारी के चेहरे पर तनाव दिखाई दिया। वहीं, दोषी करार दिए जाने के बाद सोनू यादव को न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया गया।
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