नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च न्यायलय ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में एक स्कूल में एक छात्र की पिटाई के मामले में प्रदेश सरकार की तरफ से जवाब दाखिल नहीं करने पर फटकार लगाई है। साथ ही कोर्ट ने राज्य के शिक्षा सचिव को अगली सुनवाई में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पेश होने का आदेश दिया। अदालत ने कहा कि अभी तक हमारे आदेश का अनुपालन नहीं हुआ, आपके राज्य में छात्रों के साथ ऐसा व्यवहार होता है। जस्टिस ए.एस. ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 11 दिसंबर को तय की है।
कोर्ट ने कहा,पीड़ित बच्चे और दूसरे बच्चों की अभी तक काउंसलिंग नहीं कराई गई। राज्य सरकार का रवैया हैरान करने वाला है। राज्य सरकार के नाकाम होने के बाद कोर्ट ने बच्चों को काउंसलिंग के तरीके पर सुझाव देने के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज को नियुक्त करने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने बीते 25 सितंबर को एक बच्चे को थप्पड़ मरवाने की घटना पर चिंता जताई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सांप्रदायिक आधार पर स्कूल में बच्चे के साथ हिंसा बेहद गलत है। कोर्ट ने इस मामले की जांच आईपीएस अधिकारी से कराने का आदेश दिया गया था और शिक्षा विभाग से रिपोर्ट तलब की। साथ ही सरकार से बच्चे की शिक्षा दूसरे स्कूल में करवाने और उसकी काउंसिलिंग भी कराने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर को उप्र सरकार को नोटिस जारी किया था। इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तुषार गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में वायरल वीडियो का हवाला देते हुए पुलिस को एफआईआर दर्ज कर जांच का निर्देश देने की मांग की गई है। मालूम हो कि मुजफ्फरनगर में एक शिक्षिका ने एक मुस्लिम बच्चे को उस क्लास के दूसरे बच्चों से पिटवाया था। इस घटना के बाद काफी बवाल मचा था। घटना के बाद से मुजफ्फरनगर का वह स्कूल सील कर दिया गया।
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