रामपुर। विगत 10 वर्षों तक चुनावी राजनीति से दूर रहने के बाद एक बार फिर से नवाब खानदान की बहू बेगम नूरबानो ने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव में ताल ठोंकने का ऐलान कर दिया है। नूरबानो के इस एलान से जहां रामपुर के सियासी समीकरण बदलेंगे, वहीं इंडिया गठबंधन में विवाद बढ़ने की संभावना बढ़ गई है।
दरअसल, रामपुर लोकसभा सपा की सीट मानी जाती है और इस पर आजम खान का दबदबा रहा है। ऐसे में कांग्रेस नेता की ये दावेदारी समाजवादी पार्टी को नाराज कर सकती है। बताया जा रहा है कि रामपुर से दो बार सांसद रह चुकीं बेगम नूरबानो ने गुरूवार को कांग्रेसियों के साथ की बैठक की। इसके बाद साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में उतरने का ऐलान कर दिया।
नूरबानो की इस घोषणा से सियासी जानकार भी दंग रह गए हैं।
उनका कहना है कि इससे रामपुर की सियासत में नए समीकरण बनेंगे। साथ ही इंडिया गठबंधन में दरार आ सकती है। बता दें कि इंडिया गठबंधन में अभी सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है, लेकिन रामपुर लोकसभा सीट पर सपा नेता आजम खां का खासा दबदबा रहा है। साल 2019 के जब लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा का गठबंधन हुआ था तब भी यह सीट सपा के खाते में गई थी और आजम खां चुनाव लड़े थे और जीते थे।
उल्लेखनीय है कि 1999 के बाद से कांग्रेस यहां से एक बार भी जीत दर्ज नहीं कर सकी है। ऐसे में नूरबानो की घोषणा से सपा-कांग्रेस में तनाव बढ़ सकता है। नवाब जुल्फेकार अली खां उर्फ मिक्की मियां के निधन के बाद साल 1996 में बेगम नूरबानो राजनीति में सक्रिय हुईं और पहली बार में ही कांग्रेस के टिकट पर रामपुर की सांसद बनीं लेकिन 1998 में हुए चुनाव में वह बीजेपी के मुख्तार अब्बास नकवी से हार गई थीं। इसके बाद 1999 में एक बार फिर से वे लोकसभा चुनाव में उतरी और जीत दर्ज की, लेकिन इसके बाद उन्हें इस सीट से कभी जीत नहीं मिली।
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