लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को राजधानी में आयोजित उत्तर प्रदेश पीएसी के स्थापना दिवस समारोह में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने पीएसी से जुड़े सभी अधिकारियों कर्मचारियों को बधाई दी और कहा उत्तर प्रदेश पीएसी का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। यूपी पीएसी ने संसद पर हुए हमले को निष्फल करने और अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर आतंकी हमले को विफल करने में अहम भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा, पीएसी के गौरवशाली इतिहास के बावजूद कुछ लोगों ने अपनी कुत्सित सोच की वजह से पीएसी की 46 कंपनियों को समाप्त कर दिया था लेकिन अब पीएसी के गौरवशाली अतीत को देखते कुल 33 बटालियन में 273 कंपनियां पूर्णतया क्रियाशील हो चुकी हैं। सीएम ने कहा, 17 दिसम्बर 1947 को मिलिट्री पुलिस का नाम बदल कर पीएसी किया गया। उस समय इसे यूनिटेड प्रोविंस के नाम से जाना जाता था। मौजूदा समय में लगभग 40 हजार लोग उप्र पीएसी में तैनात हैं और कानून व्यवस्था बेहतर बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, हम सब जानते हैं 2001 जब देश की संसद में हमला हुआ था, उस समय यूपी पीएसी के जवानों ने ही उस हमले को निष्फल करने में सफलता पाई थी। उन सभी हमलावरों को बहादुर जवानों ने सौर्य पराक्रम से मार गिराकर उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया था। यही नहीं, देश की आस्था श्रीराम जन्मभूमि पर जब आतंकी हमला हुआ था, तब भी उस हमले को असफल करने का काम यूपी पीएसी ने ही किया था।
समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेस्ट बटालियन अवार्ड, बेस्ट प्लाटून ड्रील, सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों व मेधावी छात्रों को स्मृति चिन्ह व नकद पुरस्कार से सम्मानित किया। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव (गृह) संजय प्रसाद, डीजीपी विजय कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक पीएसी डॉ. केएस प्रताप कुमार आदि उपस्थित रहे।
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