नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में हुई चूक के बाद अब सरकार सतर्क हो गई है और उसकी सुरक्षा का जिम्मा सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) को सौंपने का निर्णय लिया है। सीआईएसएफ एक सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स है, जो विभिन्न मंत्रालयों की इमारतों, परमाणु ठिकानों, अंतरिक्ष केंद्र के अहम ठिकानों समेत नागरिक एयरपोर्ट्स और दिल्ली मेट्रो की भी सुरक्षा व्यवस्था संभालती है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीते दिन संसद भवन परिसर के सर्वे का निर्देश दे दिया है ताकि संसद भवन परिसर में सीआईएसएफ और उसकी फायर विंग की तैनाती के लिए व्यापक पैटर्न तैयार किया जा सके। नई योजना के तहत नए और पुराने संसद भवन के साथ ही अन्य सहयोगी इमारतों को भी एक सिक्योरिटी कवर के तहत लाया जाएगा। इसका जिम्मा भी सीआईएसएफ के पास ही होगा।
बताया जा रहा है कि सीआईएसएफ के जवानों के साथ ही मौजूदा संसद सुरक्षा सर्विस, दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप के जवान भी संसद की सुरक्षा व्यवस्था संभालेंगे। गौरतलब है कि 2001 में संसद पर हुए आतंकी हमले की बरसीं पर बीते 13 दिसंबर को दो युवक सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाते हुए दर्शक दीर्घा से लोकसभा तक पहुंच गए थे। दोनों आरोपियों ने लोकसभा में कैनिस्टर से रंगीन धुआं छोड़ा और सरकार विरोधी नारे लगाए।
इस घटना के बाद सरकार ने संसद परिसर की सुरक्षा की समीक्षा के लिए सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की। इस कमेटी की सिफारिशों के आधार पर ही अब संसद सुरक्षा को मजबूत क्या जायेगा। बता दें कि सीआईएसएफ गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला केंद्रीय पुलिस बल है, जिसका गठन 15 मार्च 1969 को किया गया था और 15 जून 1983 को इसे आर्म्ड फोर्स बनाया गया था।
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