लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब जैव विविधता के संरक्षण का काम तेजी से किया जायेगा। इसके साथ ही इको पर्यटन की संभावनाओं को विस्तार और वन्य जीवों की चिकित्सा-सेवा में लगे पशु चिकित्सकों का कैडर भी बनाया जायेगा। इसका निर्देश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राज्य वन्य जीव बोर्ड की 16वीं बैठक में दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन चिकित्सकों का कार्य बड़ा महत्वपूर्ण है। कैडर होने से इन्हें समयबद्ध प्रोन्नति व अन्य लाभ आसानी से मिल सकेंगे।
बैठक में सीएम ने कहा कि दुधवा नेशनल पार्क, कतर्नियाघाट वाइल्डलाइफ सेंचुरी एवं पीलीभीत टाइगर रिजर्व के चूका जैसे इको टूरिज्म को सुगम बनाने के उद्देश्य से हेलीकॉप्टर सेवा एवं 4 लेन सड़क कनेक्टिविटी की सुविधा दी जानी चाहिए। ऐसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों पर स्थानीय लोगों को गाइड के रूप में प्रशिक्षित कर नियोजित करने, सैलानियों के ठहरने की उत्तम व्यवस्था विकसित कर टूरिज्म का माहौल बनाने पर जोर दिया जाए।
उन्होंने कहा, पशु-पक्षियों का संरक्षण-संवर्धन हमारी संस्कृति का अंग है। प्रदेश में हर साल एक तय समय पर बड़ी संख्या में साइबेरियन पक्षी आते हैं। इनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। इन पक्षियों अथवा अन्य पशु-पक्षियों के साथ क्रूरता, अमानवीयता स्वीकार नहीं है। ऐसी हर एक घटना के दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में सीएम ने कहा, वन्य जीवों की चिकित्सा-सेवा में लगे पशु चिकित्सकों का कैडर बनाया जाए। कैडर होने से इन्हें समयबद्ध प्रोन्नति व अन्य लाभ आसानी से मिल सकेंगे। बता दें कि पहली बार वन्य जीव की सेवा में लगे पशु चिकित्सकों का अलग कैडर बनाने का निर्णय हुआ है।
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