लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही दिन शेष बचे हैं लेकिन ऐसा कोई जादू का चिराग नहीं दिख रहा है जिससे राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तस्वीर बदल जाये और माहौल कांग्रेस के पक्ष में हो जाये। दरअसल बीते दिनों हुए विधान सभा चुनावों में इस राज्यों में कांग्रेस को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा और सीएम की कुर्सी में हाथ चली गई। बता दें कि इन तीन राज्यों में लोकसभा की कुल 65 सीटें हैं जिनमें से साल 2019 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 61 सीटें जीती थी। वहीं उससे पहले 2018 में इन तीनों राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी लेकिन अब तो तीनों राज्यों की सियासत पूरी तरह से पलट चुकी है। तीनों राज्यों में नरेंद्र मोदी के चेहरे के आगे कांग्रेस के तीनों इक्के मात खा गए।
कांग्रेस के तीनों कद्दावर नेता अशोक गहलोत, कमलनाथ और भूपेश बघेल की हार ने कांग्रेस को मुश्किल में ला दिया है। अब उत्तर भारत में हिमाचल प्रदेश के सिवा कांग्रेस के पास कोई राज्य नहीं है या यूं कहें कि हिंदी पट्टी के अधिकतर राज्यों से कांग्रेस गायब हो चुकी है। दक्षिण में कर्नाटक के बाद तेलंगाना में कांग्रेस को जीत तो मिली, लेकिन वहां से दिल्ली का रास्ता निकलने की उम्मीद न के बराबर है। सबसे बड़ी बात कि जिस विचारधारा के बल पर कांग्रेस राष्ट्रीय विकल्प बनने की दिशा में बढ़ना चाह रही थी, उसे तगड़ा झटका लग चुका है। दरअसल लोकसभा चुनाव से ठीक पहले या कहें आखिरी राजनीतिक प्रयोग जिस तरह कांग्रेस ने किया और सामने प्रधानमंत्री मोदी ने खुद के चेहरे को ही रखकर नायाब सियासी प्रयोग किया उसने 2024 के चुनाव की इबारत अभी से ही लिख डाली।
याद कीजिए संसद में प्रधानमंत्री का वह कथन जब अडानी कांड के बाद समूचा विपक्ष प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ नारेबाजी कर रहा था तब पीएम ने भाषण के आखिर में कहा था कि ‘देश देख रहा है एक अकेला कितने पर भारी है।’ सही मायने में संसद और सड़क दोनों जगहों पर प्रधानमंत्री मोदी कितनों पर भारी पड़े, यह देश के भीतर उठते हुए मुद्दे और उसके बावजूद चुनावी जीत ने साफ-साफ दिखा दिया। मुद्दा भ्रष्टाचार का हो या काॅरपोरेट मित्रों को शह देने का, मुफ्त अनाज बांटने का हो या युवाओं की बेरोजगारी का, किसी भी मुद्दे में इतना दम नहीं बचा कि कि मोदी सरकार को डगमगा सके। वहीं तीन राज्यों के चुनावों में हुई बीजेपी की जीत ने उसके लिए 2024 का रास्ता भी आसान कर दिया।
इसे भी पढ़ें-इस सीट से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे अखिलेश यादव, शिवपाल ने दिया ये बड़ा बयान
इसे भी पढ़ें- बड़ा सवाल: I.N.D.I.A से कौन होगा पीएम पद का चेहरा?
