नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी केस में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तीसरा नोटिस भेजा है, लेकिन तीसरा नोटिस मिलने के बाद भी केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं होने वाले हैं। आम आदमी पार्टी (आप) की तरफ से नोटिस को लेकर कहा जा रहा है कि चुनाव प्रचार से रोकने के लिए केजरीवाल को गिरफ्तार करने की साजिश की जा रही है। आप का कहना है कि केजरीवाल जांच में सहयोग करने को तैयार हैं।
आप के अनुसार मुख्यमंत्री केजरीवाल ईडी के सामने पेश नहीं होंगे। वहीं पार्टी ने ईडी के समन पर सवाल भी उठाए हैं। आप का कहना है कि केजरीवाल ईडी की जांच में सहयोग करने को तैयार हैं, लेकिन नोटिस पूरी तरह से गैर-कानूनी है। आप ने सवाल किया है कि ईडी ने चुनाव से ठीक पहले ही केजरीवाल को नोटिस क्यों भेजा है। इनकी नीयत केजरीवाल को अरेस्ट करके चुनाव प्रचार को रोकने की योजना बनाई जा रही है। वहीं, इससे पहले मंगलवार (2 जनवरी) को ही आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा था कि ईडी के नोटिस पर कानून के मुताबिक कदम उठाया जाएगा। इस पर जब उनसे पूछा गया कि क्या केजरीवाल ईडी के सामने पेश होंगे तो उन्होंने कहा ‘इस सवाल का जवाब हमारी कानूनी टीम बेहतर ढंग से देगी, हम कानून के हिसाब से ही काम करेंगे’।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने केजरीवाल को दो नवंबर और 21 दिसंबर को भी समन जारी किया था, तब भी वे एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे।अरविंद केजरीवाल ने दूसरे नोटिस के जवाब में ईडी पर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों की तरफ से काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है. केजरीवाल ने यहां तक दावा किया था कि ईडी के समन राजनीतिक से प्रेरित था. दूसरे समन पर ईडी के पेश होने के बजाय केजरीवाल कथित तौर पर एक अज्ञात लोकेशन पर 10 दिनों ‘विपासना’ ध्यान पर चले गए और 30 दिसंबर को वापस लौटे।
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