लखनऊ। हिट एंड रन कानून के खिलाफ देशभर में ट्रक और बस ड्राइवरों की हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, गुजरात समेत अन्य राज्यों में ट्रक और बसों के पहिए पूरी तरह से जाम हो गए। पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम भी पूरी तरह से ठप हो गया था। बसों और अन्य वाहनों के न चलने से लोग इधर से उधर भटकते हुए नजर आये। हालांकि अब सरकार बैक फुट पर आ गई है और उसने कानून को अभी न लागू करने की बात कही है, जिससे ट्रक और बस ड्राइवरों की हड़ताल खत्म कर दी है।
आपको बता दें कि अगर ये हड़ताल नहीं खत्म होती तो इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता और हर चीज के लिए उन्हें अपनी जेब ढीली करनी पड़ती। दरअसल ट्रक ड्राइवर की हड़ताल की वजह से सब्जियां महंगी होने लगी थी। वहीं दूध, दवाइयां और रसोई गैस आदि की किल्लत बढ़ने की आशंका बढ़ गई थी। उधर पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल के लिए मारा-मारी मच गई थी। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते तीन आपराधिक न्याय विधेयक पारित किये जो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद अब कानून बन चुके हैं। हालांकि अभी इन्हें लागू नहीं किया गया है, लेकिन हिट एंड रन कानून में बदलाव करने को लेकर एक जनवरी को देश भर के बस और ट्रक ड्राइवर्स ने हड़ताल कर दी जिससे बसों और ट्रकों के पहिये जाम हो गए।
बता दें कि देश भर में 80 लाख से ज्यादा ट्रक ड्राइवर हैं जो रोजमर्रा की जरूरतों का सामान एक शहर से दूसरे शहर तक पहुंचाते हैं। ऐसे में अगर ट्रक चालकों की हड़ताल कुछ और दिन तक चलती तो इसका देश की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ सकता था। हड़ताल कर रहे ड्राइवरों ने इसे काला कानून बताया है। उनका कहना है कि वह जानबूझकर किसी हादसों को न्योता नहीं देते है। ज्यादातर हादसे छोटी गाड़ी वालों की गलती से ही होते हैं और अब जब तक इस कानून को वापस नहीं लिया जाता या फिर इसमें बदलाव नहीं किया जाता है तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी। फिलहाल और सरकार और अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस के बीच हुई बातचीत के बाद बस और ट्रक ड्राइवर्स ने हड़ताल खत्म का दी है।
बता दें कि देश में कुछ ही महीनों में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सरकार बिल्कुल भी नहीं चाहेगी कि हड़ताल लंबी चले और लोगों में उसके खिलाफ नारजगी हो। वहीं 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा में भी किसी भी तरह का खलल न पड़े और प्राण प्रतिष्ठा की चर्चा कम न हो क्योंकि अगर हड़ताल लंबी चलती तो हर किसी का ध्यान राममंदिर से हटाकर आम जनता की समस्यायों पर आ जाता। ऐसे में सरकार को ट्रक ड्राइवरों की मांग जायज लगी और उसने तुरंत एक्शन लेते हुए इस कानून को अभी न लागू करने की बात कह दी। साथ ही सरकार ने ये भी कहा कि नया कानून लागू करने से पहले ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट से विचार विमर्श किया जाएगा।
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