आमतौर पर लोग पैरों की दर्द को छोटी समस्या मानकर नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन कई बार ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। कभी-कभी पैरों में दर्द गंभीर समस्याओं के संकेत भी होता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि पैरों में दर्द होने की एक नहीं कई वजह हो सकती है। रोजाना काम करने की वजह और ज्यादा काम करने से पैरों में दर्द हो रहा है ये नार्मल हो सकता है लेकिन अगर बिना ज्यादा काम किये ही पैरों में दर्द है तो उसे कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए।
इस वजह से भी होता है पैरों में दर्द
वैरिकोज वेन्स
वैरिकोज वेन्स पैरों पर नीली या गहरे बैंगनी रेखाएं होती हैं। इनमें जब कोई समस्या आने लगती है तो ये उभर आती हैं और साफ-साफ दिखाई देने लगती हैं। ऐसा खराब ब्लड सर्कुलेशन वजह से होता है या फिर नस वाल्व के कमजोर होने से। इससे पैरों में दर्द, सूजन और भारीपन होने लगता है।
डायबिटिक फुट और न्यूरोपैथिक की वजह से दर्द
डायबिटीज के मरीजों के पैरों में भी दर्द की समस्या रहती है, जो डायबिटीज के साइड इफेक्ट्स या न्यूरोपैथी समस्याओं की वजह से हो सकती है। तंत्रिका में भी किसी तरह के नुकसान होने पर दर्द होने की समस्या बढ़ जाती है।
फुट अल्सर
डायबिटीज के मरीजों को फुट अल्सर का भी खतरा बना रहा है। इसकी वजह से उन्हें कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। सूजन के साथ पैर का दर्द और खुले घाव को बिल्कुल भी नजरंदाज नहीं करना चाहिए। वरना आगे चलकर ये समस्या विकराल रूप ले लेती है।
साइटिका या रेस्टलेस लेग सिंड्रोम
साइटिक नर्व में दर्द यानी साइटिका के चलते पीठ के निचले हिस्से से लेकर पैरों तक दर्द होता है। वहीं, रेस्टलेस लेग सिंड्रोम की वजह से भी पैरों में काफी दर्द होता है। यह समस्या आमतौर पर रात में होती है। स्थित ये होती है कि कई बार दर्द इतना बढ़ जाता है कि नींद में खलल पड़ जाता है।
पैरों में भारीपन
जब पैर सामान्य से ज्यादा वजन उठाते हैं तो उनमें भारीपन और थकान होने की समस्या होने लगती है। इससे ब्लड सर्कुलेशन भी बिगड़ सकता है, जिससे भी पैरों में काफी दर्द रहता है। ऐसे में इसे हल्के में लेने की बजाय डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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