फरीदाबाद। जनपद के नीमका जेल में बंद एक विचारधीन कैदी की मंगलवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। वह हत्या के आरोप में जेल में बंद था। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए बादशाह खान सिविल अस्पताल में भेजवा दिया है।
जानकारी के मुताबिक बीते 13 दिसंबर की रात को फरीदाबाद के सरूरपुर गांव के निकट बनी दुर्गा कॉलोनी में दो युवकों ने दो युवकों को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया था। इस घटना में घायल राजेश की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। वहीं दूसरा साथी प्रदीप अब ठीक है। इस मामले में थाना मुजेसर पुलिस और क्राइम ब्रांच ने आरोपित राजन पुत्र अजय उम्र 25 वर्ष और नईम उम्र लगभग 38 को 19 दिसंबर को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था, तभी से ये दोनों फरीदाबाद की नीमका जेल में बंद थे।
बताया जा रहा है कि 22 जनवरी की देर शाम जेल में ही राजन की तबियत खराब हुई जिस पर उसे बादशाह खान सिविल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन राजन ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में दम तोड़ दिया। पुलिस ने राजन के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए बादशाह खान सिविल अस्पताल में रखवा दिया है। इस मामले में नईम और राजन की मुंह बोली बहन बैजन्ती का कहना है कि बीते 13 दिसंबर को राजन की राजेश और प्रदीप से किसी बात को लेकर लड़ाई हो गई तो उसने इसकी जानकारी नईम को फोन पर दी थी और उसे मौके पर बुलाया था।
नईम उस समय पलवल था और नईम ने राजन को घर चले जाने के लिए कहा था, लेकिन राजन अपनी जिद पर अड़ गया तब नईम पलवल से चलकर घटना स्थल तक पहुंचा था। वहां पहुंच कर उसने झगड़े को शांत कराने की कोशिश की लेकिन राजेश और प्रदीप झगड़े पर उतारू हो गए और मारपीट हो गई। इस झगड़े में राजेश की मौत हो गई थी। बैजंती का कहना है कि राजेश एकदम स्वस्थ था, इसलिए उसकी इस तरह से हुई मौत की जांच होनी चाहिए।
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