लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित कोआपरेटिव बैंक लिमिटेड मुख्यालय हजरतगंज का सर्वर हैक कर 146 करोड़ रुपये का फ्रॉड मामले में यूपी एसटीएफ ने तीन और जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि पकड़े गये आरोपियों में से पर 25-25 हजार रुपये का इनाम भी था। फ्रॉड के मामले में बीते साल 16 अक्टूबर को साइबर थाने में बैंक के सहायक महाप्रबंधक अजय कुमार त्रिपाठी ने मुकदमा पंजीकृत कराया था। इस केस में तीन बैंक अधिकारियों समेत अब तक नौ आरोपितों को सलाखों के पीछे किया जा चुका है।
एएसपी एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि , गिरफ्तार आरोपियों में गोंडा जनपद के मेवातियान न्यू कालोनी का रहने वाला वकार आलम, अरमाना अतहर और अयोध्या के शास्त्रीनगर तोपखाना का वहीदुर्रहमान उर्फ वाहिद है। वकार आलम को कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन, अरमाना को गोंडा मेवातियान और वहीदुर्रहमान को गोमतीनगर मधुरिमा रेस्टोरेंट के निकट से अरेस्ट किया गया है।
वकार आलम और अरमाना पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। उन्होंने बताया कि अरमाना और उसके साथी वकार आलम ने बैंक खातों की व्यवस्था की थी जिसमें बैंक से निकाले गए 146 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे। हालांकि, साइबर थाने की टीम ने तत्परता दिखते हुये सभी खातों को फ्रीज कर दिया था और रकम पुन: वापस बैंक के खातों में मंगा ली थी।
पुलिसिया पूछताछ में अरमाना ने बताया कि उसने 2010 में अलीगढ़ मुस्लिम विवि से उर्दू से परास्नातक किया था। इसके बाद वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए लखनऊ आ गई थी, जहाँ उसकी मुलाकात वकार और वहीद से हुई थी। इसके बाद इन दोनों ने ही उसे गंगा सागर सिंह से मिलवाया था। बैंक फ्रॉड के रुपयों में सबकी हिस्सेदारी तय हो गई थी।
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