लखनऊ। यूपी एसटीएफ ने पैसे लेकर हलाल प्रमाणपत्र जारी करने के आरोप में ‘हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया’ के चार सदस्यों को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि इस मामले में नवंबर 2022 में ही जांच रिपोर्ट सौंपी गई थी। इसके बाद प्रदेश भर ने जबरदस्त बवाल मचा था।
नवंबर 2022 में दर्ज हुआ था केस
एसटीएफ के सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जमीयत उलमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुम्बई द्वारा विभिन्न उत्पादों को गलत तरीके से हलाल प्रमाणपत्र जारी किए जाने को लेकर पिछले साल यानी नवंबर 2022 में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद मामले की जांच 20 नवंबर 2023 को एसटीएफ को सौंपी गई थी।
कई सवालों का जवाब नहीं दे पाने पर किये गए अरेस्ट
इसके बाद एसटीएफ ने हलाल काउंसिल आफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना हबीब यूसुफ पटेल, उपाध्यक्ष मौलाना मुईद शीर सपाडिआ ,जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद ताहिर जाकिर हुसैन चौहान, ट्रेजरार मोहम्मद अनवर को पूछताछ के लिए लखनऊ मुख्यालय बुलाया और पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। ये चारों आरोपी मुंबई के रहने वाले हैं। बताया जा रहा है कि हलाल काउंसिल आफ इंडिया के सदस्य पूछताछ के दौरान एसटीएफ के कई सवालों के जवाब नहीं दे पाए।
प्रमाणपत्र जारी करने के लिए नहीं है अधिकृत
सूत्रों का कहना है कि काउंसिल मुंबई की ओर से अवैध रूप से मीट व मीट प्रोडक्ट के अलावा भी अन्य खाद्य पदार्थों के लिए हलाल सर्टिफिकेट जारी कर रहा था। उनके बयानों से पता चला कि कई कम्पनियों से लाखों रुपये लेकर उनके उत्पादों को गलत तरीके से हलाल संबंधी प्रमाण पत्र जारी किये जा रहे थे। बता दें कि हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया को किसी सरकारी संस्था द्वारा प्रमाणपत्र जारी करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है।
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