बाराबंकी। जिले के रामनगर तहसील समेत अन्य तहसीलों के हाईवे के समीप पड़ने वाले गांवों की जमीनों के विक्रय और एग्रीमेंट पर जिला प्रशासन ने रोक लगा दी है। बता दें कि रामनगर और नवाबगंज तहसील के लगभग 47 गांव इस हाईवे की जद में आएंगे। ऐसे में रामनगर तहसील के 30 गांव और नवाबगंज के 17 गांवों की जमीन बिक्री व एग्रीमेंट पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। नये बाईपास बनने की वजह से किसान खुश हैं, लेकिन जमीनों की बिक्री पर रोक लगाने से उनमें नाराजगी है। किसानों का कहना है कि जिस गाटा में हाइवे निकल रहा हो उसे ही रोका जाना चाहिए था न कि पूरी जमीन पर रोक लगानी चाहिए थी।
बता दें कि बाराबंकी-बहराइच हाइवे पर रामनगर के पास जिन 30 गांवों से बाईपास निकालना है, उन गांवों में सारी कृषि जमीन के बैनामे, बंधक, एग्रीमेंट व अकृषिक किए जाने पर रोक लगा दी गई है, इससे किसानों में असंतोष है। दरअसल, तमाम किसान गुरुवार को रामनगर रजिस्ट्री आफिस बैनामा करने पहुंचे थे लेकिन उनकी जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो सकी और उन्हें वापस लौटना पड़ा। वहीं जमीन लेने वाले भी पैसा दे चुके थे। ऐसे में वे अपनी रकम वापस पाने के लिए परेशान दिखे।
इन गांवों की जमीनों पर लगी है रोक
जिले के भूमि अध्याप्ति अधिकारी के. डी. शर्मा ने तहसील के एसडीएम व उप निबंधक को जिन गांवों में जमीन की रजिस्ट्री, एग्रीमेंट, बंधक, किरायनामा आदि पर एनएचआई के आदेशों का हवाला देते पत्र जारी किया है। उनमें नचना, लोहटी पसई, लोहटी जई, मडना, पूरे किन्होली, किन्होली, निजामुददीनपुर, भरसवा, चांदामऊ, दुर्गापुर, तपेसिपाह, सुरवारी, मलिहामऊ, बिन्दौरा, रामनगर (खास ), राम नगर पूरे छपटी, सुरजपुर, बिछलखा, दिवली, कटियारा चंदनापुर ,सिरौलीकला, टाडा रावत (टेडुवा), अशोकपुर चाचूसराप, भन्डपुरवा, साधारनपुर, दल सराय रामपुर खरगी गाँव शामिल हैं।
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