लखनऊ। उत्तर प्रदेश संभावनाओं वाला प्रदेश है। देश भर की आबादी का 16 फीसदी हिस्सा यूपी में ही निवास करता है। प्रदेश के पास भारत की कुल कृषि योग्य भूमि का 11 फीसदी हिस्सा है और देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन का 20 फीसदी से अधिक शेयर उत्तर प्रदेश का है।
ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के साथ राजभवन में 55वीं प्रादेशिक फल, शाकभाजी एवं पुष्प प्रदर्शनी-2024 के उद्घाटन के दौरान कही। इस दौरान उन्होंने राज्यपाल के साथ प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। यह प्रदर्शनी 17 से 19 फरवरी तक चलेगी। इस मौके पर सीएम ने विभागीय अधिकारियों और किसानों से फलों-सब्जियों के बारे में जानकारी ली और इसके आयात-निर्यात के बारे में भी पूछा। इस मौके पर राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने स्मारिका का विमोचन भी किया।
प्रदर्शनी को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि प्रदेश के अंदर किसान औद्यानिक फसलों के लिए मात्र 10 फीसदी कृषि योग्य भूमि का ही इस्तेमाल करते हैं। वहीं 10 प्रतिशत भूमि में कृषि की कुल जीडीपी में 24 फीसदी शेयर औद्यानिक फसलों के जरिये किसानों व प्रदेश को प्राप्त होता है। यह दिखाता है कि अन्नदाता किसानों की आमदनी कई गुना बढ़ी है। इसी प्रोत्साहन के लिए प्रगतिशील किसानों को आज सम्मानित किया गया।
इन किसानों ने ड्रैगन फ्रूट, स्ट्राबेरी, पुष्पों की खेती, पॉलीहाउस के माध्यम से नया करने का प्रयास किया है। सीएम ने कहा कि डबल इंजन की सरकार किसानों को हर परिस्थिति में आगे बढ़ने का अवसर दे रही है। प्रदेश में प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप किसान की आमदनी को कई गुना बढ़ाना है और प्रदेश की जीडीपी में गांव, जनपद और प्रदेश का योगदान हो सके इसके लिए बढ़ चढ का काम किया जा रहा है।
इस मौके पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रगतिशील कृषकों को सम्मानित किया। जिन किसानों को सम्मान मिला, उनमें रायबरेली के विष्णुदत्त पांडेय, पीलीभीत के आयुष अग्रवाल, कन्नौज के विजेंद्र सिंह, मीरजापुर के रामजी दुबे, सहारनपुर की उषा उपाध्याय, बुलंदशहर के अनंत पोद्दार, चंदौली के बलवंत प्रसाद, आजमगढ़ के श्रीप्रकाश सिंह, प्रयागराज के इंद्रजीत पटेल प्रमुख रहे।
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