चंडीगढ़। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने समेत कई अन्य मांगों को लेकर सड़क पर उतरे किसान एक बार फिर से दिल्ली कूंच करेंगे। उनका कहना है कि वे अपने नेताओं से हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रहे हैं। जैसे ही उन्हें आदेश मिलेगा वे दिल्ली के लिए कूंच कर देंगे। किसानों का आरोप है कि सरकार उन्हें उलझा रही है। जब मांग 23 फसलों पर एमएसपी देने हो रही है तो फिर दालों, कपास और मक्की पर पांच वर्षों के लिए ठेके पर एमएसपी देने का प्रस्ताव कैसे माना जा सकता है।
आपको बता दें कि बीते सात दिन से किसान दिल्ली बॉडर्स पर बैठे हैं। हालांकि वहां पर उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन उनके हौसले बुलंद हैं। रविवार को केंद्रीय मंत्रियों के साथ हुई बैठक के बेनतीजा होने के बाद से किसानों में बेचैनी है। बता दें कि सोमवार को भी शंभू बॉर्डर पर हालात शांतिपूर्ण बने रहे। किसी को भी बाॅर्डर से करीब एक किलोमीटर पहले लगाई रस्सी से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। वहीं किसान नेता मंच से लगातार संबोधित कर रहे हैं और किसानों में जोश भर रहे हैं।
बीते 13 फरवरी से हजारों की संख्या में किसान शंभू बॉर्डर पर ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ जमे हुए हैं। हर बीतते दिन के साथ बार्डर पर किसानों का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है। वहीं बॉर्डर पर किसानों के लिए लंगर भी लगाए गए हैं। कहीं चाय तो कहीं ब्रेड पकौड़े बांटे जा रहे हैं। वहीं सब्जी रोटी, मीठे चावला और खीर के भी लंगर लगाए गए हैं। मीडिया से बात करते हुए 60 साल की तेजिंदर कौर बताती हैं कि सुबह से काफी तेज हवाएं चल रही हैं। यहां बैठना काफी मुश्किल हो रहा है और सरकार है कि उनकी तरफ से आंखें मुंडन हुए हैं।
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