चंडीगढ़। चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सु्प्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला आया है। अदालत ने वोटों की गिनती दोबारा करने का आदेश दिया है। साथ ही, वोटिंग के बाद क्रॉस मार्क किए गए बैलेट पेपर को भी गिनती में शामिल करने को कहा गया गया है। बता दें कि सोमवार को रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने कोर्ट में स्वीकार किया कि उन्होंने ही बैलेट पेपर पर क्रॉस मार्क लगाया था।
कोर्ट में अपनी सफाई देते हुए अनिल मसीह ने कहा कि आम आदमी के मेयर प्रत्याशी ने बैलेट पेपर फाड़ना की कोशिश की थी। यही वजह है कि उन्होंने पेपर पर निशान लगा दिया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चंडीगढ़ में आम आदमी के मेयर बनने का रास्ता साफ हो गया है क्योंकि कोर्ट ने अनिल महीने द्वारा अवैध किए आठ मतों को वैध मानने का निर्णय दिया है।
गौरतलब है कि चंडीगढ़ में हुए नगर निगम चुनाव में 30 जनवरी को बीजेपी के मनोज सोनकर ने मेयर पद पर जीत हासिल की थी। मनोज सोनकर को बीजेपी के 14 पार्षद, सांसद किरण खेर और शिरोमणि अकाली दल के एक पार्षद का वोट मिला था। वहीं सदन में 13 सीटों वाली आम आदमी पार्टी को दूसरा स्थान मिला था। पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप टीटा को कांग्रेस के 7 पार्षदों का भी वोट मिला था लेकिन रिटर्निंग अफसर अनिल मसीह ने बैलेट पर क्रॉस मार्क लगाकर 8 वोटों को निरस्त कर दिया था, जिससे बीजेपी कैंडिडेट मनोज सोनकर ने चार वोटों से चुनाव जीत लिया था और चंडीगढ़ के मेयर बन गए थे।
कुलदीप टोटा को 12 वैध मत मिले थे। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद क्रॉस किए गए 8 बैलेट को भी काउंटिंग में शामिल किया गया है। इससे आप-कांग्रेस के संयुक्त उम्मीदवार कुलदीप टीटा को 20 वोट मिले हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद मनोज सोनकर ने मेयर पद से इस्तीफा दे दिया था।
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