नई दिल्ली। बीते 13 फरवरी से दिल्ली बॉर्डर पर जमे किसान आज फिर से दिल्ली कूंच करने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच उन्हें रोकने के लिए पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले दागे गये, जिससे पुलिस और किसानों के बीच जमकर बवाल हुआ। हालांकि अब किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने किसानों से आगे न बढने की अपील की है। वहीं केंद्र ने एक बार फिर से बातचीत की अपील की है।
किसानों के दिल्ली कूंच के फैसले को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने शंभू बॉर्डर से लेकर दिल्ली तक 40 जगहों पर बैरिकेड लगाए हैं। साथ ही बॉर्डर सात हजार से अधिक पुलिस कर्मी भी तैनात किये गये हैं। किसानों के प्रदर्शन और उनकी मांगों को लेकर जानकारों का कहना है कि किसान सभी मांगों पर फौरी कार्रवाई चाहते हैं जो असंभव है क्योंकि कई ऐसी मांगे हैं जिन पर अमल करने से पहले नियम और कानून देखने पड़ेंगे।
जैसे कि बातचीत के दौरान सरकार की तरफ से किसानों से कहा गया कि उन्हें पजाब में पहले से ही मुफ्त बिजली मिल रही है तो उनको 2013 के बिजली संशोधित कानून से दिक्कत क्या है, फिर भी अगर किसान चाहते हैं कि उसमें बदलाव हो तो उसके लिए भी कुछ वक्त देना होगा। बताया जा रहा है कि केंद्र ने बातचीत के दौरान किसानों से कहा कि सरकार ऐसी सभी उपज (खास तौर पर दालें) को पूरी तरह खरीदने और एमएसपी देने को तैयार है जिनको सरकार बड़े पैमाने पर आयात कर रही है और इसमें दालें प्रमुख हैं।
हालांकि, इसके लिए किसानों को ऐसी फसलों की खेती अधिक करनी होंगी। उधर भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि वे लोग भी दिल्ली कूच को लेकर योजना बना रहे हैं।
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