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डिप्टी सीएम के जनता दरबार में पहुंचे 69000 सहायक शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों से हुई अभद्रता

लखनऊ। न्याय की आस में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती आरक्षण के अभ्यर्थी आज उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जनता दरबार में पहुंचे, लेकिन उन्हें डिप्टी सीएम से मिलने नहीं दिया गया। और तो और वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनके साथ मारपीट की और अभद्रता की, जिससे अभ्यर्थी नाराज हो गए और उन्होंने भी सरकार विरोधी नारे लगाए।
बता दें इससे पहले कल यानी बुधवार को अभ्यर्थी कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिले थे तथा उन्हें इस भर्ती में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले से अवगत कराया था।

अभ्यर्थियों ने कांग्रेस नेता को बताया था कि इस भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27% की जगह मात्र 3.86% तथा एससी वर्ग को 21% की जगह सिर्फ 16.6% आरक्षण दिया गया है। इस प्रकार इस भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 व आरक्षण नियमावली 1994 का घोर उल्लंघन किया गया है। अभ्यर्थयों का कहना है कि प्रत्येक भर्ती की एक मूल चयन सूची बनाई जाती है लेकिन इस भर्ती में मूल चयन सूची बनाई ही नहीं गई। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की सीटों पर डाका डालकर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इसमें 19000 सीटों पर आरक्षण का घोटाला कर दिया। वहीं राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को भी नहीं माना जा रहा हैl

आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को आज जब पता चला कि सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जनता दरबार लगाकर प्रदेशवासियों की समस्याओं को सुन रहे हैं तो वह भी न्याय के लिए उनके जनता दरबार में पहुंच गए लेकिन वहां घुसने से पहले ही पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक दिया और उनके साथ अभद्रता की। पुलिस कर्मियों ने उन्हें उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मिलने भी नहीं दिया।

आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का कहना है कि लखनऊ हाई कोर्ट डबल बेंच में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले का मामला चल रहा है जहां आगामी 26 फरवरी से फाइनल सुनवाई होनी है। ऐसी स्थिति में वह उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से ये मांग करने जा रहे थे कि 26 फरवरी को होने वाली सुनवाई में सरकार उनके पक्ष में प्रपोजल पेश कर उन्हें न्याय देने का कार्य करें ताकि कोर्ट में लड़ रहे आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को न्याय मिल सके क्योंकि कोर्ट में लड़ने वाले याची अभ्यर्थियों की संख्या 2000 से भी कम है ऐसी स्थिति में यह विवादित मुद्दा याची लाभ देकर निस्तारित किया जा सके।

इस पूरे मामले में पिछला दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप एवं प्रदेश संरक्षक भास्कर सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार अगर वह वास्तविक रूप से पिछड़ दलित हितैषी सरकार है तो उसे लखनऊ हाई कोर्ट डबल बेंच में स्पेशल अपील 172/ 2023 महेंद्र पाल बनाम उत्तर प्रदेश सरकार केस के तहत आरक्षण पीड़ित याची बने अभ्यर्थियों को न्याय देने हेतु याची लाभ का प्रपोजल पेश करना चाहिए ताकि इस समस्या का निस्तारण किया जा सके।

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