लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट के लिए होने वाले मतदान से 5 दिन पहले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर की ऐसी तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई है, जिसने विपक्ष की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक ऐसी तस्वीर शेयर की है जो आगामी चुनाव की रणनीति का खुलासा करती हुई नजर आ रही है। दरअसल, राजभर ने बुधवार को अपने विधायकों संग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और इसकी एक तस्वीर उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर शेयर की है।
कल शाम को 5 कालिदास मार्ग लखनऊ स्थित में माननीय मुख्यमंत्री आवास पर माननीय मुख्यमंत्री आदरणीय श्री योगीआदित्यनाथ जी के साथ बैठक कर सभी माननीय विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में एकजुट होकर एनडीए प्रत्याशी को जिताने का निर्णय लिया । राज्यसभा चुनाव में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के… pic.twitter.com/32AHfYsP7f
— Om Prakash Rajbhar (@oprajbhar) February 22, 2024
इस फोटो के साथ उन्होंने कैप्शन में लिखा है, कल शाम को 5 कालिदास मार्ग लखनऊ स्थित में मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक कर सभी विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में एकजुट होकर एनडीए प्रत्याशी को जिताने का निर्णय लिया।.उन्होंने आगे लिखा- राज्यसभा चुनाव में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक एनडीए के साथ हैं, जय श्री राम, जय सुहेलदेव, जय भीम।
ये है समीकरण
अगर उत्तर प्रदेश विधानसभा के मौजूदा आंकड़ों पर नजर डालें तो 403 सदस्यीय विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के 252, सपा के 108 और कांग्रेस के दो सदस्य हैं। वहीं भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के 13 और निषाद पार्टी के छह सदस्य हैं। रालोद के नौ, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो और बसपा का एक सदस्य हैं। यहां राज्य सभा मतदान 27 फरवरी को होगा और नतीजे उसी दिन घोषित किए जाएंगे.
एक राज्यसभा सीट जीतने के लिए प्रत्याशी को 37 विधायकों के वोट की ज़रूरत है. एनडीए के पास 279 सीटें हैं, आरएलडी के 9 मिलाकर कुल आंकड़ा 288 का बनता है. सपा और कांग्रेस को मिलाकर 110 और बहुजन समाजवादी पार्टी के पास एक विधायक है, चार सीटें ऐसी हैं, जिस पर कोई विधायक नहीं यानी वो सीटें खाली हैं, ऐसे में भाजपा को एक सीट के लिए आठ विधायकों के समर्थन की जरूरत है, जिसको लेकर क्रॉस वोटिंग होने के ज्यादा आसार हैं।
अगर आंकड़े पर नजर डालें तो, भाजपा को आठवें प्रत्याशी को जिताने के लिए आठ विधायकों के वोटों की आवश्यकता पड़ेगी।आरएलडी (RLD) विधायकों को मिलाकर एनडीए के पास 288 वोटों का आंकड़ा है। वहीं समाजवादी पार्टी को तीसरे प्रत्याशी को जिताने के लिए एक अतिरिक्त विधायक के वोट की ज़रूरत पड़ेगी, लेकिन सपा के दो विधायक जेल में कैद हैं और पल्लवी पटेल ने पार्टी से बगावत कर रखी है। सपा-कांग्रेस को मिलाकर 110 विधायक हैं, ऐसे में सपा को चार अतिरिक्त वोटों की जरूरत पड़ेगी।
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