हल्द्वानी। बीते आठ फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुई खूनी हिंसा का मास्टर माइंड अब्दुल मलिक गिरफ्तार कर लिया गया है। हिंसा के आरोपी अब्दुल मलिक के वकील अजय बहुगुणा और शलभ पांडे का दावा है कि उत्तराखंड पुलिस ने उसे दिल्ली से अरेस्ट किया। वहीं सेशन कोर्ट में हल्द्वानी एडीजे फर्स्ट की कोर्ट में अब्दुल मलिक की अग्रिम जमानत याचिका भी दाखिल कर दी गई, जिस पर 27 फरवरी को सुनवाई होगी।
बता दें कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ अब प्रशासन ने सख्त एक्शन ले रही है। इसी कड़ी में बीते दिनों प्रशासन ने हिंसा के मुख्य मास्टर माइंड अब्दुल मलिक के खिलाफ सरकारी संपत्तियों को कथित रूप से नुकसान पहुंचाने के आरोप में दो करोड़ 44 लाख रुपये की वसूली का नोटिस भेजा था और 15 दिन का अंदर रकम जमा करने का आदेश दिया था। नगर आयुक्त द्वारा जारी नोटिस में कहा गया था कि बनभूलपुरा स्थित ‘मलिक का बगीचा’ में अवैध रूप से बने मदरसा और मस्जिद को ध्वस्त करने के लिए जब नगर निगम और पुलिस की टीम गई तो मलिक के समर्थकों ने उन पर हमला कर दिया और पथराव किया। इस हमले में पुलिस और नगर निगम के कई कर्मचारी घायल हो गए। वहीं सरकारी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया गया। नगर निगम की तरफ से भेजे गए नोटिस में आठ फरवरी को घटना वाले दिन दर्ज एफआईआर का भी जिक्र किया गया है जिसमें मलिक को आरोपित बनया गया था।
मालिक और उनके समर्थकों द्वारा किये गए नुकसान का प्रारंभिक आंकलन 2.44 करोड़ रुपये बताते हुए नगर निगम ने उसे यह राशि 15 फरवरी तक नगर निगम, हल्द्वानी में जमा करने का आदेश दिया है। नोटिस में ये भी कहा गया है कि ऐसा न होने पर उसके खिलाफ सख्त कानून कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक ने ही कथित तौर पर सरकारी जमीन पर अवैध मदरसा और नमाज स्थल का निर्माण कराया था और जब इन दोनों भवनों के ध्वस्तीकरण के लिए नगर निगम और पुलिस की टीम पहुंची तो मालिक के समर्थकों ने उन पर हमला कर दिया। इस हमले को लेकर सीएम धामी ने पहले ही हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई आरोपियों से करने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद अब मुख्य आरोपी को 2.44 करोड़ के भारी-भरकम नुकसान का नोटिस दिया गया है।
बता दें कि आठ फरवरी को बनभूलपुरा में भड़की हिंसा में उपद्रवियों ने घर की छतों पर से प्रशासनिक अमले पर पथराव किया था और कई सरकारी वाहनों को जलाने के बाद बनभूलपुरा पुलिस थाने में भी आग लगा दी थी। इस हिंसा में सैकड़ों वाहन जल कर राख हो ये थे। हिंसा में छह व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी थी। वहीं पुलिसकर्मियों और पत्रकारों समेत 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे। हिंसा को रोकने के लिए पुलिस को बल प्रयोग भी करना पड़ा, बावजूद इसके उपद्रवियों पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। ऐसे में प्रशासन ने पैर गोली मारने के आदेश दे दिए थे।
इसे भी पढ़ें- ख़ुफ़िया तंत्र की नाकामी से हुई हल्द्वानी में हिंसा: मायावती
इसे भी पढ़ें- लखीमपुर हिंसा: SC ने आशीष मिश्रा को मिली अंतरिम जमानत आगे बढ़ाई