कासगंज। लोकसभा का कार्यकाल मई में पूरा हो रहा है। चुनावी माहौल होने की वजह से देश और प्रदेश में नेताओं की सक्रियता बढ़ गई है। सत्तारूढ़ दल सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता अब जनता के बीच पहुंचने लगे हैं और डैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुट गए हैं। नेतागण जहां एक तरफ अपने रूठे पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को मनाने उनके घर जा रहे हैं। वहीं जनता से सामने लोक लुभावन वादे भी कर रहे हैं। इसके साथ ही क्षेत्र में होने वाली गमी और खुशी में भी सहभागिता दर्ज करा रहे हैं।
जो जनप्रतिनिधि पिछले पांच सालों में यदा-कदा ही क्षेत्र में पहुंचते थे वे अब लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं और लोगों से रूबरू हो रहे हैं। इसी कड़ी में सांसद राजवीर सिंह राजू भी सक्रिय हो गए हैं। वे अपने रूठे कार्यकर्ताओं को मना रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने पूर्व पालिकाध्यक्ष शशि लता चौहान साेराें, पूर्व पालिकाध्यक्ष कैलाश चंद्र कटारे सहित जिले के विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े पदाधिकारियों को पार्टी में शामिल किया है। इसके साथ ही वे संघ के कार्यकर्ता और भाजपा में अपनी पकड़ रखने वाले नेता ज्ञान तिवारी के आवास पर भी पहुंचे और उनका भी मान मुनव्वल किया। इधर गांव नाैरथा में रहने वाले सैनिक राजेंद्र सिंह यादव की मौत के बाद सांसद ने उनके घर पहुंच कर शोक संवेदना व्यक्त की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
साथ ही वे जिले में पार्टी द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने पटियाली में रात्रि प्रवास भी किया है। इसी क्रम में समाजवादी पार्टी द्वारा घोषित प्रत्याशी देवेश शाक्य भी जन संपर्क में जुट गए हैं। समाजवादी पार्टी में भी पदाधिकारियों और एवं जिला स्तरीय बड़े नेताओं को मनाने की कोशिश शुरू हो गई है। वे भी लोगों की गमी और मांगलिक कार्यक्रमों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं। हालांकि बसपा और कांग्रेस ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन पार्टी के पदाधिकारी लगातार लोगों के बीच पहुंच रहे हैं और उनके शासनकाल में किये गए कार्यों को बता रहे हैं।
जिले में लगातार हो रहे राजनीतिक कार्यक्रम या फिर विभिन्न संस्थाओं द्वारा कराई जा रहे मंचों पर भी ये नेतागण अपनी हाजिरी देने लगे हैं, जिन नेताओं के सजातीय होने के बाद भी कभी मन नहीं मिले वे भी अब एक मंच पर एक साथ नजर आ रहे हैं। इन सब को देखकर स्पष्ट हो रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में कोई नया समीकरण निकलकर सामने आ सकता है।
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