इंदौर। मध्यप्रदेश का इंदौर शहर अपनी स्वच्छता के लिए ही नहीं जाना जाता है, ये अंगदान करने में भी आगे है। यहां एक बार फिर से ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। मकसद था, यहां एक ब्रेनडेड महिला के अंगों से तीन लोगों को जिंदगी बचाना। इस महिला की किडनी और लिवर ने दूसरों को नई जिंदगी दी है। इसके लिए दो अस्पतालों के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया और अंगों को प्रत्यारोपण के लिए पहुंचाया गया। बता दें कि ये शहर का 52वां ग्रीन कॉरिडोर है।
जानकारी के मुताबिक शहर के व्यंकटेश नगर में रहने वाले प्रदीप पारिख की पत्नी वैशाली को बीते दिन पहले ब्रेन हैमरेज की वजह से एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां मंगलवार की सुबह डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेनडेड घोषित कर दिया। इसके बाद परिजनों ने उनके अंगों को दान करने की इच्छा जताई। इसके बाद डॉ. निखिलेश जैन की अगुवाई में चार डॉक्टरों की टीम और ब्रेनडेथ सर्टिफिकेशन कमेटी ने रोगी का ब्रेन डेथ प्रमाणित किया और परीक्षण के बाद पाया गया कि वैशाली की किडनी और लीवर को ट्रांसप्लांट किया जा सकता है।
इसके बाद मुस्कान ग्रुप के सेवादार जीतू बगानी और संदीपन आर्य ने कमान संभाली। उन्होंने ग्रीन कॉरिडोर बनाया। वैशाली की एक किडनी मेदांता अस्पताल में एक महिला रोगी को ट्रांसप्लांट की गई जबकि दूसरी किडनी शैल्बी अस्पताल में भर्ती के मरीज के काम आई। लीवर यहां के चोइथराम अस्पताल में एडमिट एक मरीज को ट्रांसप्लांट किया गया। वैशाली के अंगों को एक एम्बुलैंस के जरिये सभी अस्पतालों में पहुंचाया गया। जब डॉक्टरों की टीम विशेष बक्से में अंगों को ले जा रही थी, तो वैशाली के परिजन भावुक हो गए। वे लगातार गायत्री मंत्र का जाप भी कर रहे थे। इधर ग्रीन कॉरिडोर के लिए ट्रैफिक विभाग ने बीआरटीएस पर एम्बुलैंस निकलने के दौरान ट्रैफिक रोक दिया था, ताकि जल्द से जल्द सभी संग अस्पतालों तक पहुंच सके।
इसे भी पढ़ें- शरीर की इन समस्याओं को न लें हल्के में, हो सकते हैं किडनी डैमेज होने के संकेत
इसे भी पढ़ें- महिला ने भाई को डोनेट की किडनी, तो पति ने व्हाट्सएप पर दिया तलाक