लखनऊ। प्रदेश के अवैध मदरसों की जांच कर रही एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट के प्रदेश के लगभग 13 हजार अवैध मदरसों को बंद कराने की सिफारिश की है। रिपोर्ट मिलने के बाद अब मदरसा बोर्ड उन्हें बंद करने की कार्रवाई में जुट गया है। जांच में जिन मदरसों को अवैध पाया गया है, उनमें से अधिकतर नेपाल सीमा से सटे हुए हैं। बताया जाता है कि इनका निर्माण खाड़ी देशों से मिली रकम से बीते दो दशकों में किया गया है।
सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि एसआईटी की रिपोर्ट में कई और चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं और जिन 13 हजार मदरसों को बंद करने की सिफारिश की गई है, उनमें से अधिकतर नेपाल की सीमा से सटे महराजगंज, श्रावस्ती, बहराइच समेत 7 जिलों में स्थित हैं। रिपोर्ट हर एक सीमावर्ती जिले में ऐसे मदरसों की संख्या 500-500 से अधिक बताई गई है।
सूत्रों की मानें तो एसआईटी की टीम ने जब इन मदरसों से उनकी आय और व्यय का ब्योरा मांगा तो वे उपलब्ध नहीं करा सके। ऐसे में आशंका है कि इन मदरसों का निर्माण सोची-समझी साजिश के तहत टेरर फंडिंग की लिए किया गया है। अधिकतर मदरसों ने अपने जवाब में चंदे की रकम से निर्माण कराने का दावा किया है, लेकिन वे चंदा देने वालों का नाम नहीं बता सके।
एसआईटी की जांच में यह भी सामने आया है कि गैरकानूनी तरीके से बने इन मदरसों में बच्चों का शारीरिक शोषण भी किया जाता है। पूर्व में ऐसे तमाम प्रकरण भी सामने आ चुके हैं। रिपोर्ट में ये भी खुलासा हुआ है कि ये मदरसे मान्यता प्राप्त भी नहीं है। ऐसे में यहां से मान्य सर्टिफिकेट न मिलने की वजह से यहां से शिक्षा प्राप्त करनेवाले स्टूडेंट्स को नौकरी भी नहीं मिल पाती है।
इसे भी पढ़ें- यूपी: मदरसों की जांच के लिए गठित हुई SIT, खुलेगा विदेशी फंड का राज
इसे भी पढ़ें- अवैध संबंध में पत्नी की गला घोंट कर हत्या, जांच में जुटी पुलिस