रामपुर। उत्तर प्रदेश की रामपुर लोकसभा सीट पर 1952 में पहली बार मौलाना अबुल कलाम आजाद सांसद बने थे।वो देश के पहले शिक्षामंत्री भी बने थे। इस सीट पर अब तक 18 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं, जिसमें कांग्रेस ने सबसे अधिक 10 बार जीत हासिल की है। वहीं नवाब जुल्फिकार अली खां उर्फ मिक्की मियां ने सबसे ज्यादा बार जीत दर्ज की है। मिक्की मियां रामपुर सीट से पांच बार सांसद बने जबकि उनकी पत्नी बेगम नूरबानो इसी सीट से दो बार सांसद बन चुकी हैं।
रामपुर लोकसभा सीट से चार बार बीजेपी ने बाजी मारी है। वहीं तीन बार ये सीट सपा के हिस्से में गई थी जबकि एक बार जनता पार्टी का इस सीट पर कब्जा रहा है। वहीं लोकसभा चुनाव के इतिहास में रामपुर से बसपा ने अभी तक एक बार भी जीत हासिल नहीं की है, लेकिन अब 2024 के आम चुनाव में समीकरण बदलते हुए नजर या रहे हैं।
भाजपा ने यहां से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। ऐसे में अब लोगों की निगाहें सपा और बसपा पर ही टिकी हैं। सपा रामपुर लोकसभा सीट से मुस्लिम और हिंदू प्रत्याशी के फेर में उलझी हुई दिखाई दे दे रही है।
कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि भाजपा के प्रत्याशी व वर्तमान में सांसद घनश्याम लोधी को टक्कर देने के लिए सपा इस सीट से सिख प्रत्याशी भी उतार सकती है। वहीं आजम खां के बड़े बेटे की पत्नी सिदरा अदीब का नाम भी चर्चा में है। ऐसे में सपा ने हिंदू या सिख प्रत्याशी पर दांव खेला तो बसपा मुस्लिम प्रत्याशी उतारकर सपा को झटका दे सकती है।
बसपा से पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां के इस सीट से चुनाव मैदान में उतरने की चर्चा ने भी जोर पकड़ा हुआ है। हालांकि, नवेद मियां और उनके पीआरओ काशिफ खां ने इस बात से इन्कार किया है। उनका कहना है अभी किसी भी निर्णय पर पहुंचना ठीक नहीं, कुछ होगा तो खुलकर बताया जाएगा। उधर बसपा जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार का कहना कि रामपुर लोकसभा सीट से किसी मजबूत प्रत्याशी रामपुर सीट से उतारा जाएगा। जल्द ही नाम का ऐलान कर दिया जाएगा।
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