आंखें हमारे शरीर का सबसे अहम और सेंसटिव पार्ट है। ऐसे में उनका विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता होती है। हालांकि आजकल कम उम्र में ही आंखों की समस्याएं देखने को मिल रही है। इनमें से एक ग्लूकोमा भी है, जिसका अगर समय पर इलाज न किया जाये तो इंसान अंधेपन का शिकार हो सकता है। आइए जानते हैं क्या है ग्लूकोमा और कैसे इससे करें अपनी आंखों का बचाव
क्या है ग्लूकोमा
ग्लूकोमा आंखों की एक ऐसी गंभीर समस्या है जिसमें ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचता है। ऑप्टिक नर्व्स आंखों से मस्तिष्क तक दृश्यों की जानकारी भेजने का काम करती है। आंखों में उच्च दबाव होने पर ये तंत्रिका प्रभावत होती है और कई बार ग्लूकोमा की वजह बनती है। ग्लूकोमा इसलिए भी बेहद खतरनाक होता है क्योंकि यह किसी भी उम्र में हो सकता है। बुजुर्गों में यह समस्या कॉमन होती है। 60 साल के बाद कम दिखाई देने वाले कारणों में यह प्रमुख है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ग्लूकोमा का शुरुआती कोई लक्षण नहीं होता है लेकिन अगर किसी को ये होता है धीरे-धीरे उसकी आंखों की रौशनी कम होने लगती है।
ग्लूकोमा बढ़ने से अक्सर सिरदर्द, आंखों में तेज दर्द, मतली या उल्टी, धुंधला और आंखों के लाल होने जैसी समस्याएं होने लगती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर किसी बल्ब या रोशनी को देखने पर उसमे इंद्रधनुष जैसे घेरा दिखाई दे तो समझ जाना चाहिए कि आपकी आंखे ग्लूकोमा का शिकार हो रही है। ऐसा होने पर जल्द से जल्द आंख विशेषज्ञ के पास जाना चाहिए और टेस्ट करवाने चाहिए।
ये है उपाय
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ग्लूकोमा ही नहीं आंखों से जुड़ी कई बीमारियों से बचने के लिए नियमित तौर पर आंखों की जांच करवाते रहने चाहिए। इससे ग्लूकोमा का पता चल जाता है और आंखों पर पड़ रहे दबाव को जानने में मदद मिल सकती है।
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