ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण का विशेष महत्व होता है। चाहे वह चंद्र ग्रहण हो या फिर सूर्य ग्रहण। वैदिक पंचांग के अनुसार सूर्य और चंद्र ग्रहण साल में एक या दो बार जरूर पड़ते हैं। ग्रहण एक खगोलीय घटना है लेकिन धर्म और ज्योतिष में इसे बेहद अहम माना जाता है।
चंद्रमा हमारे शरीर में जल तत्व का प्रतिनिधित्व करता है। ज्योतिष में चंद्र ग्रहण को अनुकूल नहीं माना जाता है क्योंकि इस स्थिति में चंद्रमा पीड़ित को अवस्था में माना जाता है। ऐसे में इंसान को मानसिक तनाव या फिर अवसाद की समस्या होने लगती है। साल 2024 का पहला चंद्र ग्रहण जल्द ही लगने वाला है। आइये जानते हैं इस साल के ग्रहण से जुड़ी कई अहम जानकारियां।
25 मार्च को लगेगा चंद्र ग्रहण
इस साल का पहला ग्रहण चंद्र ग्रहण 25 मार्च को कन्या राशि में लगेगा। चंद्र ग्रहण सुबह 10:23 मिनट से लेकर दोपहर 03: 02 मिनट तक रहेगा। इसकी कुल अवधि 04 घंटे 36 मिनट तक होगी।
भारत में प्रभाव
ज्योतिष बताते हैं कि 25 मार्च को लगने वाला चंद्र ग्रहण एक उपछाया है। ग्रहण के दौरान चंद्रमा केवल पृथ्वी की छाया के बाहरी किनारों से होकर गुजरता है। इस साल का चंद्र ग्रह भारत में नजर नहीं आएगा। इस चंद्र ग्रहण को यूरोप, उत्तर-पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, उत्तर और दक्षिण अमेरिका में देखा जा सकेगा। यह प्रशांत महासागर, अटलांटिक, आर्कटिक और अंटार्कटिका में भी दिखाई देगा।
चन्द्रग्रहण के दौरान सूतक काल होता है। ऐसे में इस समय पूजा-पाठ और अन्य कोई धार्मिक कार्य नहीं किये जाते हैं। हालांकि 25 मार्च को लगने वाला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, जिससे यहां इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
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