नई दिल्ली। देश में जल्द ही वन नेशन, वन इलेक्शन अमल में लाया जा सकता है क्योंकि इसके लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। कमेटी ने आज राष्ट्रपति भवन में वन नेशन वन इलेक्शन पर 18 हजार 626 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में 2029 में एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की गई है।
उल्लेखनीय है कि ये रिपोर्ट 2 सितंबर 2023 को पैनल के गठन के बाद से हितधारकों और एक्सपर्ट्स परामर्श और 191 दिन के रिसर्च का नतीजा है। आठ सदस्यों की ये कमेटी पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में पिछले साल 2 सितंबर को गठित की गई है। इस कमेटी की पहली बैठक 23 सितंबर 2023 को दिल्ली के जोधपुर ऑफिसर्स हॉस्टल में हुई थी। कमेटी में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह और पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद समेत 8 मेंबर हैं। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी कमेटी के स्पेशल मेंबर बनाए गए हैं।
पैनल ने दिए ये सुझाव
पहले एक साथ चुनावों के लिए, सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल अगले लोकसभा चुनावों तक खत्म होने वाली अवधि के लिए किया जा सकता है।
हंग हाउस, नो कॉन्फिडेंस मोशन होने पर बाकी पांच साल के कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं।
पहले चरण में लोकसभा और सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं। इसके बाद ही दूसरे चरण में 100 दिनों के भीतर लोकल बॉडी के चुनाव कराये जा सकते हैं।
रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि विधि आयोग के प्रस्ताव पर सभी दल सहमत हुए तो यह 2029 से ही लागू किया जा सकता है। साथ ही इसके लिए दिसंबर 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने होंगे। ऐसे में मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम विधानसभाओं का कार्यकाल 6 महीने बढ़ाकर जून 2029 तक किया जाए, तभी सभी राज्यों में एक साथ विधानसभा-लोकसभा चुनाव कराये जा सकेंगे।
इसे भी पढ़ें- ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ के पक्ष में नहीं है कांग्रेस: खरगे
इसे भी पढ़ें- सपा को झटका दे सकती है कांग्रेस, इस पार्टी के साथ चल रही है अलायंस की बात
