लखनऊ। सूबे की राजधानी लखनऊ से रिश्तों को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। यहां पिता के निधन के बाद मां ने मानसिक संतुलन खो दिया, जिससे इस दम्पति की छह साल की मासूम बच्ची मुमताज को यतीमखाने में रहना पड़ा। कुछ समय बीतने के बाद एक महिला यतीमखाने आई, उसने खुद को बच्ची का दूर का रिश्तेदार बताया और उसे अपने साथ ले गई है, लेकिन इस परिवार में भी उसे अपनापन नहीं मिला। यहां देखभाल के बजाय मासूम के साथ नौ साल तक दरिंदगी होती रही। बच्ची अब 15 साल की है और अब वह चाइल्ड लाइन में है।
आपबीती बताते हुए पीड़िता ने कहा कि महिला के पिता और चाचा उसे बंधक बनाकर दुष्कर्म करते रहे। उसके पति ने भी यौन शोषण करने की कोशिश की। उसने कहा कि एक दिन घर पर आने वाले अधिवक्ता को अपना दर्द सुनाया और मदद मांगी। इसके बाद चाइल्ड लाइन व पुलिस टीम ने उसका रेस्क्यू किया।
पीड़िता के मुताबिक चाइल्ड लाइन की कोऑर्डिनेटर जया टीम के सदस्य निशि सिंह, ज्योति मिश्रा और केस वर्कर विजय शंकर के साथ पुराने लखनऊ पहुंचीं, जहां परिवार के लोगों ने बहाने बनाने की कोशिश की लेकिन तमाम पुख्ता सुबूत होने से टीम किशोरी को अपने साथ लेकर सीधे अमीनाबाद थाने पहुंची और आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई। इस केस में रेस्क्यू टीम का नेतृत्व करने वाली जया बताती हैं कि किशोरी की काउंसिलिंग कर उसे अवसाद से निकालने का प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान उसने स्वीकारा कि उसके साथ लगातार दुष्कर्म होता रहा।
अमीनाबाद थाने में किशोरी ने बताया कि जब वह छोटी थी तो मार पीट कर उसे चुप करा दिया जाता था। मैं जैसे-जैसे बड़ी हो रही थी, तो कभी अप्पी (यतीम खाने से लाने वाली महिला) के पिता, कभी चाचा तो कभी बाहर के लोग उसके साथ संबंध बनाते थे। किशोरी ने बताया कि उसे गंदे-गंदे वीडियो दिखाए जाते थे। वह रात-रात भर रोटी रहती। उसने कहा कि एक दिन न जाने कहां से मेरे अंदर हिम्मत आ गई और मैंने मोबाइल से नंबर चुराकर घर आने वाले वकील को फोन कर दिया। उन्होंने मदद की तो मैं वहां से निकल पाई।
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