- बाराबंकी में अगर प्रत्याशी बदला तो राजरानी रावत सबसे मजबूत दावेदार?
- आरक्षित सीट पर हाईकमान के पास साफ -सुथरी छवि के बेहद कम विकल्प
- 47 साल में 11 बार दोहराया इतिहास
- बाराबंकी पर खामोश BJP!
उत्तर प्रदेश की स्थित बाराबंकी लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने जब अपने प्रत्याशी के नाम का एलान किया तो पार्टी ने मौजूदा सांसद उपेंद्र सिंह रावत को प्रत्याशी बनाया हालांकि नाम ऐलान होने के अगले ही दिन उनका एक कथित वीडियो वायरल हो गया जिसके बाद बीजेपी नेता ने खुद ही चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. हालांकि संभावना इस बात की है कि बीजेपी इस बार भी रावत समाज से ही प्रत्याशी बनाएगी।फिलहाल बीजेपी इस पर खामोश है। इन सबके बीच बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है डैमेज कंट्रोल।
बाराबंकी एक ऐसा जिला जिसे पूर्वांचल का प्रवेश द्वार कहा जाता है इस जिले की आरक्षित लोकसभा सीट पर बड़ी अजीब स्थिति बनी हुई है। बाराबंकी लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने जब अपने प्रत्याशी के नाम का एलान किया तो पार्टी ने मौजूदा सांसद उपेंद्र सिंह रावत को अपना प्रत्याशी बनाया हालांकि नाम के ऐलान होने के अगले ही दिन उनका एक कथित वीडियो वायरल हो गया जिसके बाद बीजेपी नेता ने खुद ही चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया हालांकि संभावना इस बात की है कि बीजेपी इस बार भी रावत समाज से ही प्रत्याशी बनाएगी।
फिलहाल बीजेपी इस पर खामोश है. इन सबके बीच बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती है डैमेज कंट्रोल…… मौजूदा सांसद उपेंद्र रावत के चुनाव लड़ने से इंकार के बाद यहां पार्टी चुनाव में किसका चहेरा सामने रखेगी। यह बड़ा सवाल है वैसे उपेंद्र रावत को पुणे प्रत्याशी बनाए जाने की बात भी कहीं जा रही है। कहां जा रहा है कि यहां भी उपेंद्र रावत दोबारा चुनाव लड़ सकते हैं फिलहाल जिले में व भाजपा पार्टी के सूत्रों ने इसकी संभावना काम बधाई है अगर प्रत्याशी बदलना पड़ा तो यहां के दावेदारी में कितना दाम है और बाराबंकी की जनता की नजर में आखिर वो उपयुक्त प्रत्याशी कौन है ? इसके लिए बाराबंकी के जनता ने बड़े दिलचस्प बातें बतायी।
राजरानी रावत एक महिला प्रत्याशी हैं जिनको सांसद उपेंद्र रावत के बाद सबसे मजबूत प्रत्याशी बतायी जा रही हैं। दो बार कुर्सी विधानसभा से विधायक रह चुकी हैं। इस दौरान देखा गया कि कभी भी उन पर ठेका पट्टी में दखलअंदाजी का आरोप नहीं लगा बाराबंकी में सबसे ईमानदार व स्वच्छ छवि रहने की के पीछे कई कारण है राजरानी रावत का कोई भी वारिस नहीं है ऐसे में जनसेवा को प्राथमिकता देने की बात बताई जा रही है इनके नाम पर अब तक कोई प्रॉपर्टी व लग्जरी गाडियां नही है बाराबंकी में इनको प्रधानमंत्री मोदी तथा मुख्यमंत्री योगी के पदचिन्हो पर चलने वाला बताया जाता है। राजरानी रावत के लिए बाराबंकी के ज्यादातर जनता जो राजनीति में परोज्ञ या अपरोज्ञ रूप से सक्रिय है। उनके द्वारा यह रिपोर्ट बताई जा रही है।
वही पार्टी सूत्रों की माने तो बाराबंकी में एक साफ सुधारी छवि के नेता की तलाश है। जो राजरानी रावत के रूप में प्रथम दृष्टया दिखाई देती है। अन्य दावेदारों में पूर्व जिला अध्यक्ष शशांक कुसुमेश की वजह से इनके पार्टी के जिला अध्यक्ष पद से हटाया जा चुका है। जनता के बीच कुछ ऐसा ही बताया जाता रहा है एक और दावेदार आरती रावत मौजूदा समय में ब्लॉक प्रमुख है व इनके पति विधायक है । इनके नाम पर कार्यकर्ताओ में परिवारवाद का संदेश जाने की वजह से इनकी दावेदारी कमजोर बताई जा रही है। आरती रावत अभी कुछ साल पहले सक्रिय राजनीति में आई है। इसके अलावा पूर्व सांसद प्रियंका रावत के नाम की चर्चा भी है लेकिन हाल फिलहाल मौजूदा सांसद के कथित वीडियो वायरल होने पर अंदरखाने प्रियंका रावत पर ही लोग आशंका जता रहे है। इस वजह से विवादों के कारण इनकी दावेदारी पर एक प्रश्न चिन्ह जाता है।
बाराबंकी सीट पर कौन रहा सांसद?
सन् 1952 से 57 तक कांग्रेस के मोहन लाल सक्सेना, साल 1957 से साल 1971 तक राम सेवक यादव, साल 1971 से साल 1977 तक कांग्रेस के रुद्र प्रताप सिंह, साल 1977 से सन् 1984 तक रामकिंकर रावत, साल 1984 से साल 1989 तक कमला प्रसाद रावत, साल 1989 से साल 1998 तक राम सागर रावत, साल 1998 से साल 1999 तक बैजनाथ रावत, साल 1999 से साल 2004 तक रामसागर रावत , साल 2004 से साल 2009 कमला प्रसाद रावत, साल 2009 से साल 2014 तक पीएल पुनिया , साल 2014 से साल 2019 तक प्रियंका सिंह रावत और साल 2019 से साल 2024 तक उपेंद्र सिंह रावत एमपी रहे।
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