लखनऊ। किसी संदिग्ध व्यक्ति को चेकिंग के दौरान रोकने के बाद पुलिस एक क्लिक में उसका अपराधिक इतिहास का पता लगा लेगी। उनकी फोटो , आवाज, फिंगरप्रिंट, मुकदमों की जानकारी पुलिस अधिकारी के मोबाइल में आ जाएगी। डीजीपी प्रशांत कुमार ने बीते दिन पुलिस मुख्यालय में कुछ ऐसी ही खूबियों वाले त्रिनेत्र 2.0 ऐप लॉन्च किया।

यह एंड्रॉयड वी आईओएस फोन में अप के रूप में और कंप्यूटर में वेब डैशबोर्ड के जरिए संचालित किया जा सकेगा हालांकि इसका इस्तेमाल निरीक्षक या उससे ऊपर रैंक के पुलिस अधिकारी कर सकेंगे डीजीपी ने बताया कि त्रिनेत्र में करीब 9.5 0 अपराधियों का डाटा मौजूद है इसका उपयोग लोकसभाचुनाव में ग्राउंड जीरो पर पुलिसकर्मी चेकिंग के दौरान कर सकेंगे वह स्मार्टफोन में त्रिनेत्र एप की मदद से संदिग्ध व्यक्ति की पहचान मिलान डेटाबेस से कर सकेंगे। साथ ही क्राइम जीपीटी के फीचर से वांछित सूचनाएं भी हासिल कर सकेगें।
त्रिनेत्र 2.0 पुलिस को अपराध संबंधित डाटा जैसे क्राइम, हिस्ट्री, एफआईआर ,इंटेरोगेशन रिपोर्ट, ऑडियो, फोटोग्राफ, जेल आने व जाने की जानकारी सीजर डिटेल को डिजिटाइज्ड करने की सुविधा देगा। वही फेशियल रिकॉजिनेशन की सुविधा भी मिलेगी , जिससे संदिग्ध को उसके फोटो सर्च किया जा सकेगा। ऑडियो बेस्ड सर्च के जरिए अपराधी की आवाज का मिलान तत्काल हो सकेगा। एडवांस गैंग एनालिसिस फीचर से पुलिस को अपराधी और उसके गैंग की जानकारी चंद सेकेंड में मिल जाएगी।
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