लखनऊ। एक तरफ तो योगी सरकार प्रदेश के अपराधमुक्त होने और कानून व्यवस्था के दुरुस्त होने का दावा करती है, तो वहीं दूसरी तरफ गरीब परेशान लोगों की एफआईआर तक नहीं दर्ज की जाती है राजधानी के थानों में। इसका एक ज्वलंत उदाहरण लखनऊ मे मड़ियांव थाने में देखने को मिला। यहां बिठौली से टेढ़ी पुलिया जा रहे एक किसान की जेब से जेबकतरों ने 60 हजार रुपए पार कर लिए। वह रुपये किसान अपने बेटे का ऑपरेशन कराने के लिए ले जा रहा था।
मामले को लेकर जब किसान मड़ियांव थाने पहुंचा तो वहां उसकी सुनवाई नहीं हुई। वह तीन थानों के चक्कर काटता रहा लेकिन पुलिस वाले उसे एक थाने से दूसरे थाने भेजते रहे। मजबूर हो कर किसान बिना केस दर्ज कराए ही अजीजनगर पुलिस चौकी पर सादे कागज पर तहरीर देकर लौट गया। दरअसल, हरदोई के रहने वाले पुत्तन के बेटे आंचल ( 9 ) का विकास नगर में एक डॉक्टर के यहां ऑपरेशन होना था। वह 60 हजार लेकर बस से दुबग्गा पहुंचे और फिर ऑटो से बिठौली पहुंचे। यहां से करीब 11:30 बजे वे रिक्शा में बैठकर टेढ़ी पुलिया चौराहा पहुंचे और किराया देने के लिए जैसे ही जेब में हाथ डाला तो वे अवाक रह ये। उनकी जेब से रुपए गायब थे।
आरोप है कि ई-रिक्शा में बैठे शख्स ने जेब काट ली और रिक्शा रुकते ही पीछे से आई बाइक पर बैठकर भाग गया। पुत्तन ने बताया कि इसके बाद वे जानकीपुरम पुलिस के पास पहुंचे तो उन्हें घटनास्थल मड़ियांव थाना बता कर ताल दिया गया। इसके बाद वे मड़ियांव कोतवाली पहुंचे, जहां पर उन्हें घटनास्थल गुडंबा बता दिया गया। इसके बाद वे गुडंबा थाने पहुंचे, लेकिन वहाँ भी उनकी सुनवाई नहीं हुई। वहां से उन्हें फिर से अजीजनगर पुलिस चौकी भेजा गया जहां सादे कागज पर उनसे समस्या लिखवा ली गई लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की गई।
जिम्मेदार बोले
इस मामले में इंस्पेक्टर माडियाव शिवानंद मिश्रा का कहना है कि घटनास्थल गुडंबा का है। इंस्पेक्टर गुडंबा नीतीश कुमार श्रीवास्तव ने जानकारी से इनकार कर दिया। वहीं, एसीपी अलीगंज बृज नारायण सिंह ने भी कहा की घटना संज्ञान में नहीं है। जानकारी मिलते ही उक्त कार्यवाही की जाएगी।
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