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आज भी पुलिस के लिए मुखबिर तंत्र जिले में मजबूत
अमेठी। अमेठी जिले के कप्तान अनूप कुमार सिंह द्वारा शासन की मंशा के अनुरूप क्राइम कंट्रोल अभियान बेहद सफल रहा है। ज़िले में SOG टीम द्वारा वांछित व घटना के अनावरण हेतु तुरंत रिस्पॉन्स दिया जा रहा है। चौंकाने वाली बात ये है कि इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस व आधुनिकता के दौर में यहां की SOG टीम का मुखबिर नेटवर्क प्रदेश में सबसे मजबूत साबित हुआ है। मैनुअल पुलिसिंग का एक उदहारण चौंकाने वाला है।
थाना संग्रामपुर में फेरी वालों के साथ छिनैती की सूचना जैसे ही कप्तान को मिली। कप्तान अनूप कुमार सिंह के निर्देश पर SOG ने तुरंत रिस्पॉन्स देते हुए अपराधियों को धर दबोचा। ये गिरफ्तारी सूचना मिलने के 2 घंटे के अंदर SOG टीम द्वारा कर ली गई। दरअसल अमेठी जिले के कप्तान अनूप कुमार सिंह ने SOG के प्रभारी की ज़िम्मेदारी एक अनुभवी पुलिस अफसर को हाल ही में सौंपी है। अखिलेश गुप्ता नाम के इस पुलिस अफसर के बारे कहा जाता है कि प्रदेश में सबसे चर्चित कई एनकाउंटर में इनकी मुख्य भूमिका रही है। पूरे प्रदेश में इस अफसर का मुखबिर तंत्र बेहद मजबूत है। अपनी कार्यशैली से क्षेत्र में चर्चित रहे अखिलेश गुप्ता अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाने को लेकर बेहद सख्त हैं। क्षेत्र से आने वाले फरियादियों के साथ मित्रवत व्यवहार करते हुए उनकी समस्याओं को गुणवत्तापूर्ण ढंग से समाधान करना हो और शांति व्यवस्था और कानून-व्यवस्था बहाल रखना इनका प्रमुख उद्देश्य है।
ला एंड आर्डर दुरुस्त रहे इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाने में 24 घंटे तत्पर हैं। ऐसी कुशलता को देखते हुए। कप्तान ने पूरे जनपद से चुन चुन कर SOG टीम में बेहद अनुभवी पुलिसकर्मियों को चुना है। गौरतलब है कि अमेठी में क्राइम रेट पिछले एक साल में काफी तेजी से घटा है। तेज तर्रार कप्तान की अगुवाई में महिलाओं के प्रति अपराध को रोकने के लिए कप्तान द्वारा विशेष रणनीति बनाने का नतीजा है कि अमेठी पुलिस का नाम पूरे प्रदेश की सबसे सक्रिय पुलिस में आता है। फिलहाल चुनाव आ रहे हैं। अमेठी एक हाईप्रोफ़ाइल सीट है। यहां पर शांतिपूर्वक चुनाव सम्पन्न करना कप्तान के लिए एक बड़ी चुनौती होगी हालांकि अमेठी पुलिस द्वारा इसकी पूरी तैयारी की जा रही है।
पुलिस महकमे की रीढ़ मानी जाती है एसओजी टीम
पुलिस की एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) टीम विभाग की रीढ़ मानी जाती है। गंभीर अपराधों के खुलासे में जब पुलिस की अन्य टीमें फेल हो जाती हैं , तब उसका जिम्मा एसओजी को ही सौंपा जाता है। एसओजी टीम ने भी कई गंभीर अपराधों का खुलासा कर पुलिस की साख बचाई है।
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