देश भर में लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। यह चुनाव सात चरणों में कराया जाएगा। उत्तर प्रदेश में पहले चरण के चुनाव में 19 अप्रैल को आठ सीटों पर मतदान होंगे। बुधवार को नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है। लोकसभा सीटों के लिहाज से उत्तर प्रदेश बेहद अहम है। ये वह प्रदेश है जो देश के पीएम को चुनने में अहम भूमिका निभाता है। प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं और यहां से 15.34 अरब मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इस दृष्टि से शांतिपूर्ण ढंग से यहां चुनाव कराना एक बड़ी जिम्मेदारी है। हालांकि यह महज़ संयोग है कि इस जिम्मेदारी को निभाने का जिम्मा यूपी के दो वरिष्ठ अधिकारी को दिया गया है जो मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं। इसके अलावा, उनका उपनाम और हथियारों का कोड भी एक ही है। इनमें से एक हैं आईएएस दीपक कुमार और दूसरे हैं आईपीएस का नाम प्रशांत कुमार है।
सबसे पहले बात करते हैं उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार की। प्रशांत कुमार 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह वर्तमान में यूपी पुलिस में डिप्टी अटॉर्नी जनरल के पद पर तैनात हैं। चुनाव आयोग की तरफ से उत्तर प्रदेश में नए आंतरिक मामलों के मंत्री की नियुक्ति की गई है। वहीं 1990 के बैच के आईएएस अधिकारी दीपक कुमार को उत्तर प्रदेश के नये गृह मंत्री का कार्यभार सौंपा गया है। चुनाव आयोग ने उनके नाम पर भी मुहर लगा दी है। इन दोनों अधिकारियों पर यूपी में लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
बिहार से ताल्लुक रखते हैं प्रशांत कुमार
प्रदेश के वर्तमान डीजीपी प्रशांत कुमार 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और वे बिहार के रहने वाले हैं। उनका जन्म बिहार के सीवान जिले के हुसैनगंज प्रखंड के छाता पंचायत के खत्री गांव में हुआ था। वह उच्च शिक्षा के लिए दूसरे राज्य में गए थे। प्रशांत कुमार तमिलनाडु कैडर के एक आईपीएस अधिकारी हैं। उनकी पत्नी डिंपल वर्मा भी आईएएस अधिकारी थीं। पूर्व आईएएस डिंपल वर्मा वर्तमान में रेरा की सदस्य हैं। प्रशांत कुमार को उनकी पत्नी की वजह से तमिलनाडु कैडर से यूपी कैडर में ट्रांसफर किया गया था। वह 1994 में यूपी के प्रबंधन में शामिल हुए। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रशांत कुमार को लेकर यूपी का सिंघम भी कहते हैं। प्रशांत कुमार को उनके साहस और विशिष्ट सेवाओं के लिए तीन बार पुलिस पदक से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें 2020 और 2021 में वीरता पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है।
पटना के रहने वाले हैं गृह सचिव दीपक कुमार
बिहार के पटना जिले के रहने वाले आईएएस अधिकारी दीपक कुमार 1990 के बैच के अधिकारी है। उन्हें यूपी के नए अतिरिक्त महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। माना जा रहा है कि दीपक कुमार की बेदाग छवि के चलते ही उन्हें गृह मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया है। अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार वित्त एवं माध्यमिक शिक्षा के प्रभारी थे। आईएएस दीपक कुमार का जन्म 1966 में पटना में हुआ था। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय विकास के इतिहास और नीति में मास्टर डिग्री प्राप्त की। 1991 में गोरखपुर के मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपना कार्यकाल शुरू करने वाले दीपक कुमार ने यूपी के गृह सचिव का पदभार संभाल लिया है। वह कई जिलों ने डीएम भी रह चुके हैं।
प्रदेश में सात चरणों में होगा मतदान
उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव होने हैं। यहां पहले चरण की आठ सीटों के लिए 19 अप्रैल को वोट डाले जायेंगे। दूसरे चरण की आठ सीटों के लिए मतदान 26 अप्रैल को मतदान होगा। 10 सीटों के लिए तीसरे चरण का मतदान 7 मई को होगा। चौथे चरण में 13 सीटों पर 23 मई को और पांचवें चरण में 14 सीटों पर 30 मई को वोट डाले जाएंगे। इस आधार पर छठे चुनावी दौर में 25 मई को 14 सीटों पर और 1 जून को सातवें चुनावी दौर में 13 सीटों पर मतदान होगा। इस तरह यूपी में सात चरणों में मतदान होगा। इसके सकुशल संपन्न कराने की जिम्मेदारी डीजीपी प्रशांत कुमार और गृह मंत्री दीपक कुमार पर है।
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