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‘आप’ की जेल यात्रा में शामिल होंगे केजरीवाल?

Arvind Kejriwal
  • केजरीवाल को ED ने मारी जोरदार थापी
  • संजय, मनीष को मिलेगा जेल में केजरीवाल का साथ
  • मनी लॉन्ड्रिंग केस में बुरे फसें केजरीवाल !
  • 28 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में केजरीवाल


नई दिल्ली।  28 दिसम्बर 2014 से 14 फ़रवरी 2014 तक 49 दिन दिल्ली के मुख्यमन्त्री के रूप में कार्य करते हुए अरविन्द लगातार सुर्खियों में बने रहे। वही एक समाचार पत्र में यह लिखा गया की – “केजरी सरकार: ऐक्शन, ड्रामा, इमोशन, सस्पेंस का कंप्लीट पैकेज। मुख्यमन्त्री बनते ही पहले तो उन्होंने सिक्योरिटी वापस लौटायी। फिर बिजली की दरों में 50% की कटौती की घोषणा कर दी। दिल्ली पुलिस व केन्द्रीय गृह मन्त्रालय के खिलाफ उन्होंने धरना भी दिया। इसके बाद रिटेल सैक्टर में एफडीआई को खारिज किया और सबसे बाद जाते-जाते फरवरी 2014 में उन्होंने भूतपूर्व व वर्तमान केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा व वीरप्पा मोईली तथा भारत के सबे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी व उनकी कम्पनी रिलायंस के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने के आदेश जारी कर दिये। लोकपाल बिल भी एक प्रमुख मुद्दा रहा जिस पर उनका दिल्ली के लेफ्टिनेण्ट गवर्नर, विपक्षी दल भाजपा और यहाँ तक कि समर्थक दल काँग्रेस से भी गतिरोध बना रहा। लोकपाल मुद्दे पर हुए आंदोलन से ही अरविन्द पहली बार देश में जाने गये थे। वे इसे कानूनी रूप देने के लिये प्रतिबद्ध थे। परन्तु विपक्षी दल कोंग्रेस एवं भाजपा बिल ने बिल को असंवैधानिक बताकर विधानसभा में बिल पेश करने का लगातार विरोध किया। विरोध के चलते 14 फ़रवरी को दिल्ली विधान सभा में यह बिल रखा ही न जा सका। विधान सभा में कांग्रेस और बीजेपी के लोकपाल बिल के विरोध में एक हो जाने पर और भ्रष्ट नेताओ पर लगाम कसने वाले इस लोकपाल बिल के गिर जाने के बाद उन्होंने नैतिक आधार पर मुख्यमन्त्री पद से इस्तीफा दे दिया।

क्या है पूरा मामला

यहां की एक अदालत ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी गिरफ्तारी के एक दिन बाद 28 मार्च तक प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में भेज दिया। राउज़ एवेन्यू अदालत में विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कहा कि केजरीवाल 28 मार्च को दोपहर 2 बजे अदालत में पेश किए जाएंगे । अदालत ने मामले में 10 दिन की हिरासत की मांग करने वाले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आवेदन पर आदेश पारित किया। रिमांड के लिए सुनवाई के दौरान,

ईडी ने कहा कि केजरीवाल – आप के राष्ट्रीय संयोजक – अन्य मंत्रियों और पार्टी नेताओं के साथ उत्पाद शुल्क नीति घोटाला मामले में “प्रमुख साजिशकर्ता” थे। एजेंसी द्वारा अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस लेने के तुरंत बाद केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट में पेश किया गया था। ईडी न्यायाधीश बवेजा को बताया कि केजरीवाल को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 को तैयार करने और लागू करने के लिए ‘साउथ ग्रुप’ से रिश्वत के रूप में कई करोड़ रुपये मिले। एजेंसी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने अदालत को बताया कि उन्होंने पंजाब चुनाव लड़ने के लिए ‘साउथ ग्रुप’ के कुछ आरोपियों से 100 करोड़ रुपये की मांग की। कानून अधिकारी ने कहा कि मनी ट्रेल से पता चलता है कि गोवा चुनाव में इस्तेमाल की गई 45 करोड़ रुपये की “रिश्वत” चार हवाला मार्गों से आई थी। एजेंसी द्वारा अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस लेने के तुरंत बाद केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट में पेश किया गया था।अदालत परिसर और उसके आसपास कड़ी सुरक्षा के बीच आप प्रमुख को दोपहर करीब दो बजे अदालत में पेश किया गया। एएसजी राजू ने अदालत को बताया, “हमने 10 दिनों की रिमांड के लिए आवेदन दिया है।”

उन्होंने कहा कि AAP एक व्यक्ति नहीं बल्कि एक कंपनी है और कंपनी के संचालन के लिए जिम्मेदार प्रत्येक व्यक्ति को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा कि भारत के इतिहास में यह पहली बार है कि किसी मौजूदा मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा, गिरफ्तारी की शक्ति गिरफ्तारी की जरूरत के बराबर नहीं है और इस आदमी को गिरफ्तार करने की कोई जरूरत नहीं थी।

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Author: nyaay24news

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