कोरोना के बाद से हर उम्र के लोगों में हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ा है। खासकर युवाओं में खराब कोलेस्ट्रॉल की शिकायतें तेजी से बढ़ी हैं। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि खराब कोलेस्ट्रॉल के मामले मुख्य रूप से 20 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में होते हैं। हालाँकि पहले यह माना जाता था कि ये सभी बीमारियाँ उम्र के साथ सामने आती हैं। लेकिन आजकल यह हर उम्र के लोगों को प्रभावित करता है।
क्यों बढ़ रहे हैं कोलेस्ट्रॉल के मामले?
कोलेस्ट्रॉल लीवर में बनता है। कोलेस्ट्रॉल एक तरह का हार्मोन है। यह पित्त लवण के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है, जो विटामिन डी के संश्लेषण और अवशोषण के लिए जरूरी होता है। यह रक्त में लिपोप्रोटीन के रूप में कार्य करता है। एचडीएल को अच्छा कोलेस्ट्रॉल माना जाता है। यही वजह है कि युवाओं में खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है।
युवाओं में खराब कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की कई वजह हो सकती हैं। ख़राब खान-पान और खराब लाइफस्टाइल इसकी मुख्य वजह है। आजकल अधिकतर युवा बाहर का खाना खाते, जिसमें सोडियम की मात्रा बहुत अधिक होती है। यह सब शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का काम करता है। इसके अलावा आज लोगों के बीच सॉफ्ट ड्रिंक, स्नैक्स और चीनी की खपत भी काफी बढ़ गई है। इससे लिपिड संतुलन बिगड़ जाता है और इससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है।
अगर आप खुद को खराब कोलेस्ट्रॉल से बचाना चाहते हैं तो हर महीने अपनी हेल्थ की जांच जरूर कराएं। हर तीन महीने में अपने कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच कराएं। 20 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को हर पांच साल में कोलेस्ट्रॉल परीक्षण कराना चाहिए। अपनी जीवनशैली और खान-पान पर विशेष ध्यान दें। प्रतिदिन 30 मिनट व्यायाम करें। और शराब का सेवन कम से कम करें।
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