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आधुनिक दौर में राजनीति में आई एक अद्भुत समाजसेविका

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गोंडा। बलरामपुर, बस्ती, अयोध्या और सिद्धार्थनगर से सटी गोंडा लोकसभा सीट अक्सर ही किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहती है और इस बार सुर्खियों की वजह हैं इकोनॉमिक्स ऑनर्स, दिल और मन में भगवान राम…दादा और पिता के कारवां को आगे बढ़ा रहीं सपा की सिपाही…श्रेया वर्मा…। इस सीट पर मनकापुर राजघराने का दबदबा रहा है और इस पर बीजेपी से कीर्तिवर्धन सिंह चुनाव मैदान में हैं, तो वहीं सपा ने बेनी प्रसाद वर्मा की पोती और युवा नेता श्रेया वर्मा पर भरोसा जताया है। श्रेया युवा हैं और वह बीते कुछ समय से लगातार जनता से संपर्क साध रही हैं। यहां यह देखना दिलचस्प होगा कि एक तरफ तो बीजेपी एक बार फिर से हैट्रिक लगाने की तैयारी में है, तो वहीं श्रेया  संसद तक का रास्ता कैसे तय करती हैं?

राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं श्रेया

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बता दें कि श्रेया वर्मा बाराबंकी जिले की रहने वाली हैं और राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके दादा स्व. बेनी प्रसाद वर्मा और पिता राकेश वर्मा का नाम प्रदेश के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं। इस बार समाजवादी पार्टी ने श्रेया को गोंडा लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशी बनाया है। हालांकि 2009 में श्रेया के दादा बेनी प्रसाद वर्मा कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन दूसरी बार यानी 2014 में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा था। आइए जानते हैं कौन हैं श्रेया वर्मा। समाजवादी पार्टी की महिला कार्यकारिणी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहीं श्रेया वर्मा, वर्मा परिवार की तीसरी पीढ़ी हैं जो राजनीति में अपना दमखम दिखा रही हैं। इनके दादा बेनी प्रसाद वर्मा समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता थे।

कुर्मी वोटरों को साधना है मकसद

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वहीं इनके पिता राकेश वर्मा भी सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। कहा जा रहा है कि समाजवादी पार्टी ने कुर्मी वोटरों को साधने के मकसद से श्रेया को मैदान में उतारा है। श्रेया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून से पूरी की थी है। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वे दिल्ली चली गई थीं, जहां उन्होंने रामजस कॉलेज से इकोनॉमिक्स ऑनर्स में पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने राजनीति में रखा कदम रखा। साथ ही समाजसेवा में भी सक्रिय हुईं। पढ़ाई पूरी होने के बाद वह अपने गृह जनपद बाराबंकी वापस आ गईं और अपने पिता व दादा के नक्शे कदम पर चलते हुए समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली, जहां उन्हें पहले महिला सभा में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया और अब गोंडा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारा गया है।

ये है पारिवारिक पृष्ठभूमि 

ओबीसी वर्ग में मजबूत पकड़ रखने वाले श्रेया वर्मा के दादा बेनी प्रसाद वर्मा लंबे समय तक समाजवादी पार्टी से जुड़े रहे। वे सपा के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे स्व. मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे हैं। कुर्मी समाज के नेता बेनी प्रसाद वर्मा 1996-98 में केंद्रीय मंत्री भी रहे थे। गोंडा की कैसरगंज लोकसभा सीट से वे लगातार 1998, 1999 और 2004 में लोकसभा चुनाव जीते और संसद पहुंचे। इसके बाद साल 2009 में पड़ोस की गोंडा लोकसभा सीट का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीते और मनमोहन सिंह सरकार में स्टील मंत्री रहे। हालांकि 2016 में उन्होंने दोबारा समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली थी।

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Author: nyaay24news

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