Follow us

घर में मंदिर बनाते समय रखें इन चीजों का ध्यान, नहीं तो नाराज हो जाएंगे भगवान

VASTU TIPS

जैसे घर बनाते समय दिशा आदि का ध्यान रखा जाता हैं।  ठीक उसी तरह ह घर में मंदिर बनाते समय भी दिशा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में मंदिर के साथ-साथ पूजा-पाठ, देवी-देवताओं की मूर्ति, प्रसाद आदि के नियम भी बताए गए हैं। आइए जानते हैं वस्तुशास्त्र के कुछ विशेष नियम

मूर्ति की दिशा और आकार

घर के अंदर मंदिर बनाने के लिए हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा में जगह का चयन करना चाहिए और मूर्तियों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अगर आप अपने घर में शिवलिंग रखना चाहते हैं तो शिवलिंग का आकार आपके अंगूठे से बड़ा नहीं होना चाहिए। यदि अंगूठे से बड़ा कोई शिवलिंग है तो घर के बाहर किसी साफ जगह पर उसके लिए अलग से मंदिर बनाना चाहिए। पूजा स्थल में कोई भी मूर्ति 15 सेमी से ऊंची नहीं होनी चाहिए।

यहां मुख्य रूप से पांच देवी-देवताओं की मूर्तियां रखने की परंपरा है जिनमें सूर्य, शिव, गणेश, विष्णु और दुर्गा की मूर्तियां रखी जाती हैं। लोग अपने कुल देवता या पसंदीदा देवता की मूर्ति भी रखते हैं,  जिस देवता की आप विशेष रूप से पूजा करते हैं उसकी मूर्ति केंद्र में रखनी चाहिए। चूंकि देव पंचायत में श्री कृष्ण के लिए कोई स्थान नहीं है और भगवान श्री कृष्ण ने विष्णु का अवतार  है इसलिए उनका परिचय भगवान विष्णु में ही देना उचित है।

भगवान का भोग

भगवान को भोग लगाना बेहद आवश्यक है। श्रीमद्भागवत गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि देवी-देवताओं को भोग लगाने के बाद ही भोजन करना चाहिए, अन्यथा भोजन करना पाप माना जाता है। भगवान या देवी को चढ़ावे की मात्रा मूर्ति के आकार पर निर्भर करती है। आपके घर में रखी 6 इंच से छोटी मूर्तियों के लिए, हम उतना भोजन उपलब्ध कराते हैं जितना एक सामान्य थाली में खाया जा सकता है, लेकिन बड़ी मूर्ति जिनका निर्माण कारीगरों से कराया जाता है, उनके लिए अधिक भोग लगाया जाता है। ऐसा न करने पर देवी-देवता नाराज हो जाते हैं।

पूजा 

घर के मंदिर में रखें किसी भी देवी-देवता को पूजा से वंचित नहीं करना चाहिए। पूजा स्थल पर मौजूद सभी देवी-देवताओं की एक-एक करके विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। तामसिक और सात्विक देवी-देवताओं को एक साथ नहीं रखना चाहिए। उदाहरण के लिए, भैरव, प्रत्यंगिरा और काली जैसे देवी देवताओं को भगवान श्री राम या श्री कृष्णजी जैसे सात्विक देवताओं के साथ नहीं रखना चाहिए। वहीं गृहस्वामी को उग्र देवी-देवताओं की पूजा करने से बचना चाहिए क्योंकि ये देवी-देवता आमतौर पर तंत्र के मार्ग की ओर ले जाते हैं और स्वाभाविक रूप से क्रोध और आक्रामकता भी उत्पन्न करते हैं।

इसे भी पढ़ें-क्या होता है स्लीप पैरालिसिस, जानें इसके होने की वजह और बचाव के तरीके

इसे भी पढ़ें-Weather Report: यूपी में बदलेगा मौसम का मिजाज, तेज आंधी के साथ बन रहे बारिश के आसार

nyaay24news
Author: nyaay24news

disclaimer

– न्याय 24 न्यूज़ तक अपनी बात, खबर, सूचनाएं, किसी खबर पर अपना पक्ष, लीगल नोटिस इस मेल के जरिए पहुंचाएं। nyaaynews24@gmail.com

– न्याय 24 न्यूज़ पिछले 2 साल से भरोसे का नाम है। अगर खबर भेजने वाले अपने नाम पहचान को गोपनीय रखने का अनुरोध करते हैं तो उनकी निजता की रक्षा हर हाल में की जाती है और उनके भरोसे को कायम रखा जाता है।

– न्याय 24 न्यूज़ की तरफ से किसी जिले में किसी भी व्यक्ति को नियुक्त नहीं किया गया है। कुछ एक जगहों पर अपवाद को छोड़कर, इसलिए अगर कोई खुद को न्याय 24 से जुड़ा हुआ बताता है तो उसके दावे को संदिग्ध मानें और पुष्टि के लिए न्याय 24 को मेल भेजकर पूछ लें।

Leave a Comment

RELATED LATEST NEWS