पटना। सोमवार (1 अप्रैल) को राजधानी पटना में पुलिस ने अतिथि शिक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अतिथि शिक्षक सीएम आवास पर विरोध जताने पहुंचे थे, तभी पुलिस से उनकी नोकझोंक हुई। दरअसल, सेवा समाप्ति से नाराज अतिथि शिक्षक अपना विरोध दर्ज कराने सीएम आवास पहुंचे थे। 31 मार्च को 4257 अतिथि शिक्षकों की नौकरी समाप्त कर दी गयी। उन्होंने फिर से बहाली और स्थायी रोजगार की मांग की है।
छह साल तक काम किया
गौरतलब है कि सरकार ने बिहार के चार हजार से अधिक अतिथि शिक्षकों की सेवा लेने से इनकार कर दिया है। यह सेवा 31 मार्च, 2024 से समाप्त कर दी गई थी। पिछले छह वर्षों में, बिहार के 4,257 अतिथि शिक्षक राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत हैं। 25 जनवरी, 2018 से, देश भर के माध्यमिक विद्यालयों ने आमंत्रित शिक्षकों की सेवाओं का उपयोग किया है।
4257 अतिथि शिक्षकों को क्यों हटाया गया?
शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में 9वीं और 10वीं कक्षा के लिए 37,000,847 शिक्षक और 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए 56,000,891 शिक्षक और हाई स्कूलों के लिए कुल 94,000,738 शिक्षक नियुक्त किए गए हैं। ऐसे में अतिथि शिक्षक की आवश्यकता नहीं है। अतिथि शिक्षकों की सेवाएं बंद कर दी गई हैं क्योंकि बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले लगभग 2015,000 शिक्षकों की भर्ती की गई है।
शिक्षा विभाग ने 30 मार्च को जारी किया पत्र
बता दें कि शिक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में पिछले शनिवार (30 मार्च) को एक पत्र जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि एक अप्रैल से अतिथि शिक्षकों की सेवाएं स्वीकार नहीं की जाएंगी। यह भी निर्देश दिया गया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी ऐसे अतिथि शिक्षकों से प्रमाण पत्र उपलब्ध कराएं जो शिक्षा विभाग में कार्यरत नहीं हैं। ऐसे में शिक्षकों की नौकरी चली गई और उन्होंने सोमवार को पटना में विरोध प्रदर्शन किया।
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