नई दिल्ली। इन दिनों दुनियाभर में नौकरियों में छंटनी का दौर चल रहा है। ग्लोबल मंदी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के चलते सबसे बुरी मार टेक कंपनियों के कर्मचारियों को झेलनी पड़ रही है। साल 2023 के लास्ट से शुरू हुआ छंटनी का सिलसिला अभी तक जारी है। और तो और नई नौकरियों की भी कोई वैकेंसी नहीं आ रही है। देश दुनिया में नौकरी की मारा मारी और छंटनी का ये सिलसिला फ़िलहाल बंद होता हुआ नहीं नजर आ रहा है। हालांकि कुछ ऐसे सेक्टर अभी भी ऐसे हैं, जिन पर आर्थिक मंदी का कोई असर नहीं देखने को मिल रहा है और वहां छंटनी जैसी कोई भी समस्या नहीं है। आइए एक नजर डालते हैं उन सेक्टर्स पर जहां नौकरियां पूरी तरह से सुरक्षित हैं।
आईटी कंपनियों में नवंबर, 2023 से छंटनी का सिलसिला शुरू हुआ था। अल्फाबेट इंक ने साल 2024 की शुरुआत में ही कर्मचारियों की छंटनी कर दी थी। वहीं एप्पल, अमेजन, मेटा, डेल, एरिकसन, सिस्को और सैप जैसी बड़ी कंपनियां भी आये दिन किसी न किसी कर्मचारी को बाहर का रास्ता दिखा रही हैं। कुछ कंपनियों ने छंटनी को कॉस्ट कटिंग का रास्ता बताया तो कुछ ने वर्कफोर्स मैनेजमेंट।
सेफ हैं ये सेक्टर्स
हालांकि, सोशल सर्विस, हेल्थकेयर, रिटेल, फूड, होटल और रियल एस्टेट जैसे सेक्टर्स में छंटनी जैसी कोई दिक्कत नहीं है, यहां काम कर रहे लोगों की नौकरी पूरी तरह से सुरक्षित है। साथ ही यहां नए लोगों को रिक्रूट करने की प्रक्रिया भी चल रही है। अच्छे अप्रैजल देकर प्रतिभाशाली लोगों को अपने साथ जोड़े रखने की कवायद भी की जा रही है। मार्केट में फार्मा कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर हो रहा है तो वहीं हॉस्पिटल्स में डॉक्टर, नर्स और अन्य मेडिकल स्टाफ को भी लगातार ज्वाइनिंग दी जा रही है। वहीं सरकार भी हेल्थकेयर सेक्टर में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में जुटी हुई है। यही वजह है कि इन सेक्टर्स में यहां नौकरियों की अच्छी संभावना है।
तेजी से आगे बढ़ रही रिटेल और होटल इंडस्ट्री
आंकड़ों पर गौर करें तो भारतीय रिटेल सेक्टर में आवश्यक वस्तुओं की डिमांड 2027 तक 1.1 ट्रिलियन डॉलर पहुंच सकती है। इसके साथ ही ये आंकड़ा और तेजी से बढ़ेगा और साल 2032 तक इसके 2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। इसी तरह जीडीपी में होटल इंडस्ट्री की हिस्सेदारी साल 2022 तक 40 अरब डॉलर थी, जो 2027 तक 68 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
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