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रायबरेली के रण में उतरेंगी प्रियंका!, कार्यकर्ताओं में दिख रहा उत्साह

रायबरेली

रायबरेली। उत्तर प्रदेश की हॉट सीट्स में शुमार राजबरेली लोकसभा सीट पर हमेशा से कांग्रेस का कब्जा रहा है लेकिन इस बार इस सीट से सोनिया गांधी चुनाव नहीं लड़ रही हैं। ऐसे में इस बार यहां से चुनाव कौन लड़ेगा, इसे लेकर कयासों का बाजार गरम है। वहीं अब एक और खबर आ रही है, जिसके मुताबिक कांग्रेस हाईकमान ने इस समस्या का हल ढूंढ लिया है। बस इसकी औपचारिक घोषणा बाकी है। कहा जा रहा है कि पहले चरण के चुनाव के बाद रायबरेली में प्रत्याशी की घोषणा कर दी जाएगी। वहीं कांग्रेस की जिला कार्यकरिणी ने गत शनिवार को इस बात के संकेत दिए हैं कि इस सीट से प्रियंका गांधी चुनाव मैदान में उतर सकती हैं। इसके बाद से शांत बैठे पार्टी कार्यकर्ता उत्साहित हो गए हैं।

गौरतलब है कि प्रियंका को यहां से चुनाव लड़ाने के लिए जिला कमेटी के पदाधिकारी फरवरी में 10 जनपद पहुंचकर गुहार लगा चुके हैं। रायबरेली सीट कांग्रेस के लिए इस चुनाव में बहुत महत्वपूर्ण है। बता दें कि इंडिया गठबंधन केबाद उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के  हिस्से में 17 सीट आई हैं।  इधर रायबरेली में प्रियंका गांधी के चुनाव मैदान में उतरने से कांग्रेस मनोवैज्ञानिक बढ़त लेने की कोशिश भी करेगी । कांग्रेस के थिंक टैंक का मानना है कि प्रियंका गांधी अगर रायबरेली से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करती हैं तो इसका बड़ा संदेश प्रदेश की हर लोकसभा सीट पर जाएगा जिसका फायदा इंडिया गठबंधन को मिलेगा।

1991 से प्रियंका का है रायबरेली से नाता 

रायबरेली लोकसभा सीट से प्रियंका का नाता काफी पुराना है। उनकी दादी इंदिरा गांधी और मां सोनिया गांधी की तरह उन्हें भी यहां की जनता से भरपूर प्यार मिलता है। प्रियंका ने पहली बार 1999 के लोकसभा चुनाव के दौरान यहां कदम रखा। उस वक्त इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर कैप्टन सतीश शर्मा के चुनाव मैदान में थे, तब चुनाव प्रचार की पूरी बागडोर प्रियंका गांधी ने संभाली थी। कैप्टन सतीश शर्मा को चुनाव जिताने के लिए प्रियंका ने पूरे जिले में घूम-घूम कर प्रचार किया था। इसके बाद 2004 के लोकसभा चुनाव में जब सोनिया गांधी मैदान में उतरीं तो भी प्रियंका ने उनके चुनाव का प्रबंधन खुद संभाला ।

रायबरेली की सियासी समझ

प्रियंका गांधी को रायबरेली की सियासत की बखूबी समझ है। वर्ष 2009 में जब बसपा ने आरपी कुशवाहा को चुनाव में उतरा तो प्रियंका ने एससी बाहुल्य क्षेत्र में ताबड़तोड़ प्रचार किया और घर-घर जाकर कांग्रेस के लिए वोट मांगे। नतीजा यह रहा कि कांग्रेस प्रत्याशी सोनिया गांधी को जीत मिली। यहां तक कि 2016 के जिला पंचायत चुनाव में प्रियंका गांधी की रणनीति का नतीजा रहा कि कांग्रेस ने जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा किया। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भी प्रियंका गांधी ने सदर और हरचंदपुर से जनसभा की। नतीजा रहा कि  कांग्रेस ने सदर और हरचंदपुर में भी जीत दर्ज की।

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पंकज त्रिपाठी कि मानें तो जिला कांग्रेस पूरी तरह से आश्वस्त है कि प्रियंका गांधी इस बार रायबरेली से चुनाव लड़ेंगी। कहा जा रहा है कि फरवरी में एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली गया था और वहां जिले की सर्वे रिपोर्ट सौंपी थी  जिसमें प्रियंका गांधी को चुनाव लड़ने के लिए कहा गया था।

एआईसीसी कोऑर्डिनेटर ले चुके हैं टोह

हाल ही में एआईसीसी के कोऑर्डिनेटर इंदल कुमार रावत ने कांग्रेस के तिलक भवन पार्टी कार्यालय में बैठक कर रायबरेली सीट जीतने के लिए पूरी ताकत लगाने को कहा। इस दौरान उनका फोकस गांधी परिवार पर ही है। इसी से सियासी हलकों में चर्चा तेज हो गई है कि  रायबरेली से प्रियंका गांधी चुनाव मैदान  में उतरेगी।

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Author: nyaay24news

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