लखनऊ। बसपा ने यूपी की घोसी लोकसभा सीट के लिए बालकृष्ण चौहान को मैदान में उतार दिया है। बसपा के इस फैसले से उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर के लिए समीकरण बिगड़ सकते हैं। वैसे तो ओपी राजभर, मायावती के पुराने शुभचिंतक माने जाते थे। वह आज भी पूर्व सीएम मायावती के खिलाफ कुछ भी बोलने से बचते हैं। दरअसल,चुनाव मैदान में बीएसपी ने सुभासपा को पटखनी देने का मन बना लिया है।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल सुभासपा को समझौते के तहत घोसी लोकसभा सीट मिली हुई है। इस सीट पर राजभर ने अपने बेटे और सुभासपा नेता अरविंद राजभर को उतारा है। वहीं सपा ने राजावी राय पर दांव लगाया है। इस बीच बसपा ने बाल कृष्ण के नाम का ऐलान कर सुभासपा के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है।
दरअसल, राजभर को जिस जातीय समीकरण के भरोसे जीत की उम्मीद है, उसे मायावती की एक चाल ने धाराशाई कर दिया है। साल 1999 में हुए लोकसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर घोसी सीट से बालकृष्ण चौहान सांसद चुने गए थे। बाद में उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया लेकिन अब वह एक बार फिर से बसपा में आ गए हैं। बसपा ने उन्हें 2024 में फिर से घोसी सीट से टिकट दिया है।
ये है घोसी का जातीय समीकरण?
एक आंकड़े पर गौर करें तो घोसी लोकसभा सीट पर दलित मतदाताओं की संख्या 4.5 लाख, राजपूत 68 हजार, भूमिहार 35 हजार, यादव- 1 लाख 75 हजार, मौर्या- 40 हजार, राजभर 1 लाख 25 हजार, निषाद 37 हजार, चौहान लगभग 1.5 लाखष मुस्लिम 2.42 लाख,वैश्य 77 हजार मतदाता हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस सीट से कौन बाजी मारता है। इस सीट पर 4 जून को परिणाम आएगा।
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